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________________ CR 4 // 103 // IA %AECORRECTROSAROKAROGGC तहिं रिसहदासोत्ति // 9 // जुन्हानिम्मलसीला तस्स पिया साविया विगयहीला / जंगमसीललीलासत्तमणा अरिहदासित्ति चम्पा॥१०॥ ताण गिहे कम्मयरो सुभगो महिसीण पालणुज्जुत्तो / पाएणजवजुत्तो अज्जुणवाणुव सुहकम्मो // 11 // अह I नगाँ अन्नया य एसो महिसीजूहं वर्णमि चारित्ता / दिवसावसाणसमए माहे मासंमि विणियत्तो // 12 // काउस्सग्गेण द्वियं | ऋषभदासएग मुणिपुंगवं निरावरणं / पिच्छइ सोमसं(क)तं नयणाण महूसवं दिन्तं // 13 // तो आगओ गिहमिवि रयणीए सीय- श्रेष्ठिकर्मपीडिओ संतो / चिंतइ जहा मुणिंदो चिहिस्सइ सो कहं तत्थ ? // 14 // एयंमि सिसिरमासे जेण दरिदाण हीणवत्थाण / | करसुभगेन वट्टइ दुत्थावत्था वायंताण दसणवीणं // 15 // तह दीसंति सराई फलिहसिलीभूयबहलसलिलाई / डझंति पउमिणीओ नमस्कारवणराईओ मिलाइंति // 16 // पइगेहं जलणोवरि करकमलछत्तधारिणो लोया / हुंति जओ जड्डहरो धन्नाणं एस सिद्धिकरो मंत्रो // 17 // अवि गिहमज्झे अम्हं पावरणे परिणिजलणसविहेऽवि / तुहिणकणमिस्सवाए बाहंते अंगुवंगाइ // 18 // ता धन्नोऽहं गृहीतो जइ तं पिच्छिस्सं अक्खयं मुणिं तत्थ / इय चिंततो एसो पच्छिमरयणीए उद्वित्ता // 19 // गच्छइ महिसीचारणकए गगनमुणिंदस्स देसणट्ठाए / पत्तेण तेण दिट्ठो वर्णमि पडिमाहिओ साहू // 20 // तो हिट्ठो सो सुभगो लहुकम्मो जेण वंदए विद्येति / तयणु / अह उइओ दिणनाहो उज्जोयंतो दसदिसाओ // 21 // अरिहंतनमोकारं फुडक्खरं भणिय पारिउस्सग्गो। उप्पइओ गयणयले स मुणी सुभगस्स पच्चक्खं // 22 // अरिहंतनमोकारं एसो खलु गगणगामिणीविजा / अज्जेव मए (विनाया) मुणिंदनाहस्स दिट्ठीए / / 23 / इय चिंतिऊण सम्मं सद्धाबहुमाणभत्तिसंजुत्तो। नवकारपयं पढमं अणुसमयं पढइ सो सुभगो // 24 // भवणे वणे जणे वा मणे कुणितो पढेइ अणवरयं / सयणासणेऽसणे वा तएकताणो सबहुमाणो ARSHASHTASSACCESS 3 //
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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