________________ श्री जयन्तीप्रकरणवृत्तिः / | शीलद्वारे सुदर्शन श्रेष्ठिदृष्टान्तः। // 102 // OGRADUNGAPERCISGA किंकिणिरवहिययहरणाई // 87 // तिकालं कालागुरुधूवसमुल्लसियधूमकुरुलीहिं / आमोयमोयपरवसखेयरकिजंतसंसाई॥८॥ गामागरनगरेसु देसेसु विरुणारिएसु मत्तीए / जिणभवणाई तत्तो कारावइ संपई राया // 89 // करुणापरिणामेणं दीणाणाहाण रुणापरिणामेणं दीणाणाहाण | दावए दाणं / जिणधम्मपसंसाए जंतेसि होइ बोहिफलं // 90 // काऊण दयादाणं न दीणभावेण वड्डमाणेण / जलहीवि होइ निम्मलगुणगणरयणायरो लोए // 91 // करुणादाणुवयारी संपइराउ व कित्तिवित्थारी / इव सिवपुरपहचारी हविज सम्मत्तगुणधारी // 92 // // दानद्वारं समाप्तं / / सीलं पुण पडिपन्नं सत्तरसविहसंजमो जो वासो / होइ सया सिवनयरे भवरनगयाण जीवाण // 1 // एएणं सीलेणं | सेलेसीकरणबंधणविमुक्का / सम्बोवाहिविसुद्धा लहंति सिद्धिं लहुं जीवा // 2 // बहुजीवदएणिमिणा सीलेणं खीरसायरनिभेण। आराहिएण पुरिसुत्तमलछि सासयं लिंति // 3 // देसेणं पुण सील गिहीण सुविसुद्धसम्मदिट्ठीण / पररमणिपुरिसवजणमडमोहमाहप्पकप्पदुमं // 4 // धन्ना पालिन्ति इमं सिबसुहलच्छीकडक्खअक्खित्ता / संसारसुहविरत्तो सुदंसणो जह महासत्तो // 5 // तहाहि जंबुद्दीवे दीवे दाहिणभरहद्धमज्झिमे खंडे / देसे अंगे चंगे चंपानयरी पुरा होत्थ // 6 // कुवलयवियासदच्छो सुहावहो जस्स पसरियकरोहो / आसि तहिं दहिवाहणराया नक्खत्वसंगहरो // 7 // रूवगुणमयणपरिणी सरससमुल्लावसल्लई करिणी। सोहग्गरयणखाणी पट्टे तस्साऽभया देवी // 8 // ईसरसिरोवयंसो अससंको सयलसोममुचीवि / सिट्ठी सम्मदिवी वसइ GACASSACRECEMAG // 102 //