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________________ T // 2 // नि वे द न. . आ ग्रन्थना प्रथम विभागमा प्रस्तावना आपेली छे तेथी आ बीजा विभागमा आपेल नथी, पण अनुक्रमणिका, शुद्धिपत्र अने कतिचित् कठिन शब्दकोष आपेल छे. आ विभागमा पेटलाद श्रीसंघना ज्ञान खाता तरफथी रु. 101) नी कागळ खरीदवामां मदद तथा एक गुप्त नामवाला महाशय तरफथी रु. 100) नी मदद मली छे तेथी ते बन्नेनो सहर्ष आभार मानवामां आवे छे, तेमज जेओए प्रथम विभाग खरीदेल होय तेओने नम्र विज्ञप्ति छे के आ बीजो विभाग मंगावी लई ग्रंथ पुरो करी लेवो. ___हर्षनी वात छे के आवा सख्त मोघवारीना टाइममां पण टुंक समयमां आ ग्रंथ पुरो थयो ते पू० पा० आचार्यदेवना परिश्रमनु | | परिणाम छे, एज.... श्रीसंघ कुशलाकांक्षी, मु. लीच. (वाया महेसाणा) ) मास्तर न्हालचंद ठाकरसी. (दश गुजरात) व्यवस्थापक, पं० मणिविजयजी ग्रंथमाला.. ता. 15-4-1943
SR No.600400
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1943
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size26 MB
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