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________________ // 73 // दुर्मतिस्था ज्याद्धं प्रयच्छ मे / इतः काऽन्या विपद् गुर्वी धनं यत्रोपयोक्ष्यते // 63 // सुमतिः स्माह तत्तावत्तथैवास्तु परैः धनैः / करिप्यामि सखे ! सम्यगिमामापत्प्रतिक्रियाम् // 64 // स त्ववादीत् तव द्रव्यं न्याय्यं व्यापार्य दुर्नये / अतिथिं न करिष्ये खं नरका| दप्यधोगतेः // 65 // ततो गला खनन्तौ तौ गर्त रिक्तमपश्यताम् / बद्धा च दन्तशकटं दुर्मतिः छमनाऽपतत // 66 / / सुहृत्संवाहित पिते चौर्यश्वायमुत्थाय विलपन्नलम् / उरः शिरश्च चिन्हाश्मप्रहारैर्जर्जरं व्यधात् // 67 / / ऊचे च हन्त केनेदं संभाव्येत धनं हृतम् / विकल्प | कलंके सुमतिनाकृतं चौरस्त्वमेवाऽन्यो न कश्चन // 68 // ऊचिवान् सुमतिः शान्तं पापं कस्मादऽकारणम् / मां चौरंकारमाक्रोशस्यऽभ्याख्यातं हि कृतो नकारः दुःसहम् // 69 // दुरे सुहृदो द्रोहोऽन्यस्याप्याजन्म कस्यचित् / अपि कण्ठगतप्राणो न हरामि धनं यतः॥७०॥ अयं लोकः परो लोको धम्मो धैर्य धृतिर्मतिः। मुष्णता परकीयं स्वं मुषितं सर्वमप्यदः // 72 // अभाणीत् दुर्मतिश्चेन्न त्वया तकि मया हृतम् / * | मिथ्यावादिन्निदं येनावाभ्यां जानाति नापरः // 73 // श्रुती पिधाय सुमतिःप्रोचे स्याच्या प्रति क्वचित् / दूरे वाचि ममार्थोऽयं न | वयस्य ! मनस्यपि // 74 // जजल्प दुर्मतिर्विश्ववञ्चकैशिकैरलम् / देहि द्रव्यं क्षमे कालक्षेपं न धूतकृद्भिया // 75 // किञ्च त्वया मया चास्मिन्नुभाधीने धने स्वयम् / कार्याद् गृहीते किं ? नष्टं दोषस्तु यदि नार्यते // 76 // अनर्पयन् धनं मैत्र्यं मा भांक्षीश्चिरं सञ्चितम् / मादाः प्रवेशं पिशुनलोकस्य कुशलोऽसि यत् // 77 / / सुमतिस्खत्रवीन्मित्र ! यत्वं मत्रयसीदृशम् / तत्र ते धननाशोत्थं विकल्पमपराध्यति // 78 / / दुर्मतिः स्माह तुष्टो न सर्वस्वहरणेऽप्यसि। आरोपयसि वैकल्यकलंकं यत्सुदुःसहम् // 79 // किश्चान्यस्य क्तमर्यादादऽनार्याद् भवतोऽधुना / निर्दाक्षिण्यो नृपं दृष्ट्वाऽप्यादास्ये स्वधनं हठात् / / 80 // महात्मनामपि चले चित्तं कितवानां dal कथैव का। धनभ्रंशे मन इति ध्यायन् सुमतिरभ्यधात् / / 81 / / असत्यं दुर्गतेः पन्थाः पैशून्यं पदमापदाम् / दोषाणामाकरछया // 73 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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