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________________ श्रीअमम // 262 // तापसुपत्तनम् // 44 // श्मशानेश्मनरप्रायः सोऽस्थात् प्रतिमया निशि / चिताभवदवज्वालाजालैरप्युपसर्गितः॥४५॥ अत्यक्त जिनध्यानधैर्यश्च विहिताराधनः स्वयम् / नमस्कारं स्मरन् मृला सौधर्मे त्रिदशोऽभवत् // 46 // युग्मम् / / सोऽहं पिङ्गलको देवो देवि ! चरित्रम् ज्ञात्वावधेर्बलात् / राजदण्डान्नरकाच्च रक्षणोपक्रियां तव // 47 // नां नन्तुमागमं न त्वत्प्रसादाऽनृणताऽस्ति मे / इत्युक्त्वाऽसौ स्वर्ण- | कुण्डिनपुरे कोटीरवर्षत्सप्त तत्पुरः // 48 // युग्मम् // जयेति भैमीमाशास्य धर्मे संशयभूरुहम् / सभ्यानां निर्दहन् विद्युत्पुजवद् द्यां ययौ सुरः नयनं // 49 // इत्यर्हद्धर्मकल्पद्रु सुरव्यञ्जितसत्फलम् / ऋतुपर्णोऽपि भूपाला प्रपेदे भीमजामुखात् // 50 // हरिमित्रस्तदा प्राप्तावसरः सप्रियं मातृपित मिलनम् * नृपम् / ऊचे पित्रोर्मुदे देव ! दवदन्ती प्रहीयताम् // 51 // कृता प्रश्नप्रणामाऽथ सा राज्ञा सेनया सह / विसृष्टा चन्द्रयशसमनुयान्ती |* निवर्ण च // 52 // प्रस्थिताऽल्पैदिनैः क्षोणीमण्डनं प्राप कुण्डिनम् / एयतुः सम्मुखौ चास्याः पितरौ सत्वरौ मुदा // 53 / / युग्मम् // श्रीभीमं वीक्ष्य दक्षाऽथ भैमी यानादवातरम् / मरालीवाऽपतद् भक्त्या तत्पादाम्भोजयोर्जवात् // 54 // प्रणम्य मातरं वातरंहसा मनसाऽथ सा / तत्कण्ठे व्यलगदुःखं संविभक्तुमिवात्मनः॥५५॥ विमुक्तकण्ठं सा कण्ठलग्नाऽरोदीत्तथा यथा। पितरौ सपरिवारौ ताद्रूप्यं जग्मतुः क्षणात् // 56 // तेषां बाष्पाम्बुपूरेण तत्र भूरेणुमेदिना / पंकोऽभूत्स तु नगैरप्यास्याऽम्भोजैरभूष्यत // 57 // आकृष्टे सर्ग-६ | ऽश्रुच्छलाहुःखशल्ये तैर्दुःसहे स्वयम् / अचायि हृदयं पिण्डीभूतयाऽऽशु मियो मुदा // 58 // पितुर्मातुर्दुहितुश्च समवायान्मिथोऽभ|वत् / सुखदुःखसंप्लवो यस्तैरेवाऽवेद्यऽसौ यदि // 59 / / प्रक्षालितमुखास्तेऽथ सारभृङ्गारवारिणा / निमातुं सुखदुःखे स्वे चक्रुर्वार्ताः | क्षणं मिथः॥६०। पुष्पदन्ती दवदन्तीं स्वांकमारोप्य तोषतः। रोमांकुरवती वल्लीमिवाभाषत जंगमाम् // 61 // यदक्षततनुर्वत्से ! यद|| क्षतसतीव्रता / त्वमायुष्मति दृष्टासि तन्नः पुण्यानि जाग्रति // 62 // किश्च वत्से ! स्वपुण्यानुमानाजानामि निश्चितम् / स्तोकैरिव दिन // 2 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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