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________________ // 229 // जानन् भीमसुतापाणिग्रहणे किं ? निषेधसि // 24 // भ्रान्तेयं कन्यका स्त्रीत्वादित्यप्यनुचितं यतः। तस्याः स्वयंवरः प्रोक्तः स्वेच्छार्थ तत्र को ? भ्रमः॥२५।। किं च त्वत्करवालस्य खंडने सबलो नलः / द्रुतमेहि परीक्षखोन्मत्तवजल्पितैरलम् // 26 // परनारीमनस्का- युद्धे कृष्ण रपापभारेण तेऽधुना / निःपौरुषस्य सिद्धैव न्यत्कृतिः खत एव वा // 27 / / यद्यस्य पाप्मनः शुद्धिबुद्धिस्ते हृदि वर्तते / आसन्न | पराजयः मस्ति मत्खड्गधारातीर्थमुपैहि तत् // 28 // इत्याकृष्य नलः खड्गं क्रोधादनलवज्ज्वलन् / करेण कम्पयामास तं च खौष्ठं च कम्पयन | परिणीय // 29 // ततस्तयोर्द्वयोः सैन्यं निर्दैन्यं समनह्यत / युद्धायान्ये तु राजन्यास्तस्थुर्मध्यस्थवृत्तयः // 30 // उपतस्थे मत्कृते हा प्रलयः No स्वपुरींप्रतिपक्षयोदयोः / इति खेदायधात्सत्यश्रावणां भीमनस्तदा // 31 // चेजिनेऽसि दृढा भक्तिर्मातः शासनदेवता / तदा नलोऽस्त विजयी गमनम् क्षेमः सैन्यद्वयस्य च // 32 // उक्त्वेति दवदंत्याऽऽशु वारिणः शान्तिकारिणः / छटात्रयं कृष्णराज प्रत्यक्षैप्सीन्महासती // 33 // तेन निर्वाणकोपाग्निनिस्तेजास्तत्क्षणादभूत् / अंगार इव सर्वांगं कृष्णः कृष्णनृपस्ततः // 34 // तदा शासनदेव्या च कृष्णराजस्य हस्ततः।। sell खड्गः खिड्ग इवापाति पातितप्रौढिमोदयः॥३५॥ भूमौ गरलवत्तत्र पतिते कृष्णसर्पवत् / क्षीणदर्पः कृष्णराजो नलपादान शिश्रियत* // 36 // ऊचे चाज्ञानतो व्यालग्राहिणि त्वयि यन्मया / फूचक्रे तत्क्षमख वं नरेंद्रग्रामणीः प्रभो ! // 37 // नलोपि तं स्वप्रसादक्षीरपानेन मंजुवाक् / सत्कृत्य ननं मुमुचे महतामौचिती ह्यसौ // 38 // जामात्पुयोर्माहात्म्यैीमोऽपि मुदितो हृदि / धन्यमन्योऽथ | सन्मान्य नृपानन्यान् व्यसर्जयत् // 39 // पुच्या सार्द्धमुत्सवेन नलस्योपयमं पिता / कृत्वा हस्त्यश्वरत्नादि निददे पाणिमोचने // 4 // उत्सवाभीमनिषधौ वंदितावासचैत्ययोः। कारयामासतुस्तुष्टौ कंकणच्छोटनं तयोः // 41 // आपृच्छय यान्तं निषधं सपुत्र कोशलां | // 229 // प्रति / सत्कृत्य भीमोऽनुव्रज्य स्वपुत्रीमन्वशादिति // 42 // वत्से ! च्छायेव देहस सदैव सहचारिणी / भवेस्त्रं वल्लभस्यास्य दुर्लभ
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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