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________________ // 195 // खेदमेदुरः // 86 // प्रतार्यभमथो दुन्दुः कन्यामासन्नमन्दिरे / नीत्वा चक्रे समाश्वस्तां स्वपटाश्चलवीजनैः // 87 // सा गृहेऽनायि * धात्रीभिः श्वशुरेण समं पुनः / कुवेरसार्थवाहेन निन्ये स्वौकसि वृष्णिमूः // 88 // स्नात्वा भुक्त्वोत्थितं तत्र तमुपेत्य जयाशिपम् / / सोमश्री दत्वा राजप्रतीहारी मनोहारीदमब्रवीत् / / 89 / / भूपस्य सोमदत्तस्य पुत्र्याः सोमश्रियः किल / स्वयंवरे वरो भावीत्यासीच्चेतसि | परिणयनम् केवलम् // 90 // सर्वाणुसाधोः सम्प्राप्तान गीर्वाणान् केवलोत्सवे / सा प्रेक्ष्यजातिस्मरण लेभे प्राग्भवदर्शकम् // 11 // तदादिमौनिनी जज्ञे ध्यानिनी योगिनीव सा। अपरेधुर्मया पृष्टा विजने चैवमाख्यत // 92 // शुक्रे कल्पे भवेद् देवः प्राग्भवेऽहं तु तत्प्रिया।। अभूवं तेन सार्द्ध च भुक्ता भोगाश्चिरं मया // 93 // नन्दीश्वरादौ यात्रां स मयैव सहितोऽन्यदा कृत्वाऽईद्जन्मोत्सवं च व्यावृत्तः स्वास्पदं प्रति // 14 // ब्रह्मलोके यावदागात् तावच्च्यवनमासदत् / शोकशून्याऽत्र भरतेऽन्विष्यन्ती तं कुरुष्वऽगाम // 95 // मनी | केवलिनौ तत्र प्रेक्ष्याऽप्राक्षं च्युतो दिवः / क्व मे जातः पतिः पृथव्यां तावप्येवमथाख्यताम् // 16 // त्वद्भर्त्ता हरिवंशेऽभद वृष्णि| राजकुलेऽमले / पुत्री भवित्री त्वमपि च्युता सोमस्य भूपतेः॥९७॥ यस्त्वामिन्द्रोत्सवे हस्तिहस्तान्मोचयिताऽऽकुलाम / स एव तव भूयोऽपि भर्त्ता भावीति निश्चिनु // 98 // तौ प्रणम्याथ भक्त्याऽहमागमं स्थानकं निजम् / क्रमेणाऽजनिपं च्युत्वा सोमदत्तन-| पात्मजा // 19 // सर्वाणोः केवले दृष्ट्वा सुरान् प्राग्भवमस्मरम् / ज्ञात्वैतत्सर्वमप्यमान्मौनमादृतवत्यहम् / / 800 / / श्रुत्वेति तन्मुखात् | सर्व मयाऽऽख्यायत भूपतेः / भूपाः स्वयंवराहूता व्यसृज्यन्ताऽमुनाऽप्यतः // 1 // राज्ञश्च प्रत्ययोऽकारि रक्षता तां त्वया द्विपात् / त्वामाह्वातुं प्रहिताऽस्मि तदेत्यैतां त्वमुद्वह // 2 / / इति प्रोक्तः प्रतिहार्या शौरिगत्वा नृपौकसि / सोमश्रियमुपयेमे चिरं रेमे तया सह // 195 // // 3 // सुप्तोत्थितश्च सोऽन्येद्युनॆणाक्षी तामुदैवत / व्यहं रुदित्वा शिश्राय चौद्धवत् शून्यवादिताम् // 4 // भ्रमन्नुपवने तुर्यदिने तां स
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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