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________________ श्रीअमम चरित्रम् // 142 // धिगतिदुर्भगम् / परकीयासु तस्याऽऽशा नाऽऽशा नाशाय केवलम् / / 92 // भवेन्मयि न रुच्यख मातुलोपक्रमैरपि / कुकाव्य इव जिनसौन्दर्य प्रार्थनानां शतैः कवेः // 93 / / दुराशाऽरणिसम्भूतं पराभूत्यग्नितापहम् / विषं विष इवोपायं मृत्युमेव विचिन्त्य सः // 14 // केनाप्यज्ञायमानोऽथ मातुलस्याऽनिवेद्य च / नन्दिग्रामाद् विनिर्गत्य भ्रमन् रत्नपुरं ययो / / 95 / / युग्मम् // तत्र चोपवनेऽपश्यच्चै- घाते वृत्ते क्रीडार्थमागतान् ! रामाभिर्वेष्टितान् यूनो वल्लीभिरिख पादपान् // 96 / / तदा तदीयसौभाग्यदर्शनानिलवीजितः / नन्दिपेणस्य दौर्भा H निदर्शनं धर्मोपदेशेन ग्यदुःखाग्नि शमज्वलत् / / 97 / / ततस्तदुपशान्त्यर्थमत्यर्थ मृत्युबद्धधीः। उद्घन्धनचिकीवृक्षं वीक्षामास वनान्तरे // 98 // तरोस्तल दीक्षा स्थमेकस्य तपस्तेजोदिवाकरम् / प्रशमामृतपाथोधि ज्ञानरत्नैकसेवधिम् // 99 / / जिनधर्मोपदेशेन भव्योपकृतिकर्मठम् / स तत्र जंगमं ग्रहणम् तीर्थ सुस्थितं मुनिमक्षत // 200 // अर्हद्गर्भावतारादिमुहर्तादिव नारकः / ततस्तद्दर्शनादेव स प्रमोदं समासदत् // 1 // तं ननाम पुरो | भूत्वा भूमावुपविवेश च / ज्ञानान्मुनिस्तु तद्भावं विदित्वैवमुवाच तम् // 2 // नन्दिपेणातिदुःखार्त्या मुधा मूर्ख ! मुमूर्प, नैव मलो मृत्या दुःखं नापति देहिनाम् / / 3 / / दौर्भाग्यादीनि दुःखानि प्राणिनां प्रागऽधर्मतः / स्वहत्ययोपचिन्वंस्तमृणा किम् ? // 4 // अधर्मो बाध्यते नूनं धर्मेणैव शरीरिभिः। विश्वान्धकरणः कामं तमःकाण्ड इवांशुना // 5 // धर्मो दुःखौघदावाग्नि-16 प्रावृषेण्यघनाघनः / धर्मः सुखामृतोत्पत्तिपयोराशिः शरीरिणाम् // 6 // धर्मो भवातिमूर्छालप्राणिनां परमौषधम् / धर्मः सुगतिसौ. सर्ग-४ धाग्रयानसोपानसोदरः // 7 // क्षेत्रजात्यादिसामग्रीशाखासन्ततिशोभितः / मनुष्यजन्मवृक्षस्य धर्म एव फलं महत् / / 8 / गृहस्थयतिभेदेन द्विधा धम्मों भवन्नपि / अनुष्ठितो यतित्वेन किन्तु सद्यः प्रसीदति // 9 // क्षान्त्यादिभिस्तदशभिः श्रोतोभिरनुबद्धया / पुण्य // 142 // दुमवनं सिञ्च कुल्ययेवेह दीक्षया // 10 // मुनेर्धर्मोपदेशैस्तैः कतकक्षोदसोदरैः। अत्याक्षीन्मोहकालुष्यं नन्दिषेणस्य मानसम्
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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