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________________ | कुविन्ददेवेन वैराचम्पायां मोचनम् स्वर्गसमानायां सततं सुखि वर्तते // 82 // मम शक्तिमतोऽप्यत्राऽवध्यं क्षेत्रप्रभावतः / स्वर्ग यास्यति मृत्वा च कालेऽवश्यमिदं // 111 // द्वयम् / / 83 // किं ? गीर्वाणपदप्राप्त्या किं ? मे शक्त्या च दिव्यया / अपकुर्यां न चेदेतन्मिथुनं निजवैरिकम् // 84 // घण्टापथे दुर्गतीनामकालेऽपि मृतिप्रदे / नयामि भरतक्षेत्रे तदेतत्स्वेष्टसिद्धये // 85 / / ध्यात्वेति भ्रकुटीभंगभीषणः सोऽरुणेक्षणः / हरिवर्षमगात् तत्संजिहीपुर्यमवत् क्रुधा // 86 / / तौ कल्पतरुभिः स्तोकैः सहोत्पाट्य सुरस्ततः / आनिन्ये भरताऽङ्गेषु चम्पायां पुरि तत्क्षणात् // 87 // निजशक्त्या तयोईस्वमायुः पूर्वस्थितेः स च / धनुःशतं च तुंगत्वे प्रमाण वपुषो व्यधात् / / 88 // यावत्तौ चम्पकोद्याने सकल्पद्रू मुमोच सः / तावत्तदा चन्द्रकीतिमैक्ष्वाकमसुतं नृपम् / / 89 / / ज्ञात्वा विपन्नं सचिवान् राज्याहमपरं नरम् / नगर्यां पश्यतोऽद्राक्षीनष्टं पुत्रं पितृनिव / / 90 // युग्मम् // किरीटी कुण्डली स्रग्वी ज्योतिधोतितदिग्मुखः / सुरोऽन्तरिक्षे स्थिखाऽथ प्रकृतीरन्वशादिति // 91 // युष्मान राजकग्रीष्मसन्तप्तान् वीक्ष्य साम्प्रतम् / उपकर्तुं विनापेक्षं नवाम्भोद इवागमम् // 92 // ददे वोऽयं नरदेवो युगादिमनणामिव / मया नाभिनृपेणेव भगवान् वृषभध्वजः // 93 // हरिवत्समानीय हरिण्या प्रियया सह / सकल्पतरुरुद्याने मुक्तोऽस्ति मिथुनी हरिः // 94 / / एतत्कल्पद्रुमफलैः संमिश्ररामिषासवैः। नेयावेतौ परां पुष्टिं लक्षितौ राजलक्षणैः॥९५॥ ब्रह्मपौरादिसंहत्याऽभिषिच्य हरि विष्टरे। भूयास्त सुमनसोऽद्य स्वामीकृत्यात्मनो हरिम् // 96 / / एवमस्त्विति ते प्रोच्य तं गीर्वाणं प्रणम्य च / अचयन्ति स्म धूपायैः स्तुतिभिश्चाभ्यनन्दयन् // 97 // प० कु०॥ प्रतिपत्या तदारोप्य स्पन्दनं मणिभिर्वरम् / सवें तन्मिथुनं निन्युश्चम्पामुन्मश्चतोरणाम् // 98 // चक्रुस्तत्रामरावत्यामिव ते राजमन्दिरे / रत्नसिंहासनस्थस्य प्रतिष्ठामंगलं हरेः॥९९॥ इत्थं | Jale खशक्त्या तौ व्यस्तदेहायुर्मानसद्गती। विधाय दम्पती देवः कृतार्थोऽथ तिरोदधे // 100 // धनुःशतोन्नतस्तत्र पुर्यां पर्याप्तविक्रमः / 111 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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