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________________ mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmme - ASISAMIRMImmumourngm तेजोशी या बोबार ओवास हाउसवा दुस्टी इता मे लगथप गोडबाड ओशवालनी बघी दुकानोना तेओ आगेवान हता ने स्वांना मोगमुकदमा.स्वाबी मीमाजी देवगत क्या स्वारे पोतानो बचो मार स. शीश्री तेजमालजीने सोपी गया हलने वासुधीही सेवमासजी सात हल त्यांची जोवे बोबाने दीपावी मारवाडी महाजनयां सारी नाममा मेवी हता. मोगा जोपालो पाटे एकमोई बील्लीबजे गुलालवाडीयां छे ते मोटी रकम आपी खरीद कयु हतु, तेजी पूज्यनी१.०८ विणक्वापसीवीया माय माहवा बने धीक्षकाला पार्थवाव जैन विद्यालयबी कार्यकरणी कमीटीना मेम्बर चालवाहता. तेवजापार्य विद्यालयमा माने जो मुंबद सेयज दास्याम जाने सारी महेनतकरी इसी बात को सुबा गाममा देशसवी मीकावासासाना दृस्टी हता. तेओभीनो स्वर्गवास मुंबइमां संवत १९८८ मासर सुधि१९ (मौन कादशी) मा रिले ई मांदगी भोगवीने त्यो हतो, अने वेओचीनी पाछळ तेओना परिवारमा बोधीनी रियाली तथा ने पत्रो एक कपुरचंदयाइ बीजा बाबुभाइ तथा त्रण दीकरीओ एक पुत्रवधु नै वे पौत्र छ, भने ते सर्व व पर्योसी, पकति अवे देवगुरु उपर पूर्व प्रवाद के ओबीना पुत्र भाइ कपुरचंदजीओ पोताना पिताश्रीना स्मरणार्थ रु. पाँच हजार ५०००) श्री पलाना रिचालयमा आप्या छै से सिवाय बीजी नानी मोटी घणी सखावतो करीखुप प्रशंसा .. आ प्रश्न व्याकरयला जा शयनी १५१) एसम्म एकाव कोषीमा ग्राहक बनीने ज्ञान प्रचार करवामां तेओओ जे मदद करी छे ते बदल तेओनो आभार मानीए छीए अने तेजओभी पोतानी सब्लक्ष्मीनो समार्गे व्यय करी पून्यौपार्जन करे एज प्रार्थना. बी. प्रकाशक MAALMISARLAHARMA
SR No.600391
Book TitlePrashna Vyakaran Sutram Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanvimalsuri, Mafatlal Zaverchand Pt
PublisherMuktivimal Jain Granthmala
Publication Year1939
Total Pages252
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_prashnavyakaran
File Size24 MB
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