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खुडालानिवासी स्वर्गस्थ श्रीमान श्रेष्ठीवर्य तेजमालजी भागचंदजीनी
== संक्षिप्त जीवनरेखा - धर्मना आद्य स्थान तरीके शोभता मरुधर देशमा आवेला जोधपुर स्टेटमा फालना स्टेशनथी अडधो माइल पर आवेला शीखरबंध भव्य वे जिनालयो चार धर्मशालाथी सुशोभित खुडाला गामा ओशवालवंशभूषण श्रेष्ठीवर्य ताराचंदजी हीराचंदजी रहेता हता, तेओने खेमचंदजी, प्रेमचंदजी ने तेजमालजी नामे त्रण पुत्रो इता. तेमां तेजमालजीनो जन्म १९४४ मां थयो हतो ताराचंदजीना लघु बंधु भागचंदजीने पुत्र न होवाथी ताराचंदजीओ पोताना पुत्र तेजमालजीने भागचंदजीनी गोदे आप्या. तेजमालजी बालपणथीज धर्मप्रेमी ने गुरुभक्त हता. ते हमेशा प्रभुपूजा विगेरे धर्मक्रिया करता हता. तेओनी बाल्यावस्था लगभग मुंबइमाज गइ इती ने तेथीज तेजो चार चोपडीनो अभ्यास कर्यो हतो छतां तेओ खुब हाजरजवाबी ने बाहोश हता. थोडा दिवस पछी तेओ पोताना पिताश्रीनी हाथ नीचे दुकानमां काम करवा लाग्या. एटलामा पोतानी लगभग १५) वर्षनी अल्पवयेज तेओना पिताश्री मागचंदजी देवगत थया अने घरनो तमाम भार तेमना उपर आवी पडयो. परंतु तेओ बालपणथी बुद्धिशाली, हींमतवाला अने धर्मवासित होवाथी सुख दुःख ए तो कर्मधारी उपर अवारनवार आव्या करे एम विचारी स्वहहिंमतथी लगभग १७ सचर वर्षनी वये पोतानो स्वतंत्र जुदो घंधो शरु करी दीघो अने तेमां तेओओ पोतानी बुद्धिनी कुशलताथी ते व्यापारमा घणुं द्रव्य प्राप्त कयु ने मुंबइनी अंदर बहुज सारी नामना मेळवी.