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________________ बारणतरण श्रावकाचार नीमें विषेकीको निर्मल पानी, सरोवर में जलसे पृथक् कमल, व्यंजनमें सागरसे भिन्न निमक, ४ नाटकमें मेषी पात्रके भीतर ज्ञाताको उसका असली मनुष्यपना, मैले कपड़े में विवेकीको असली कपड़ा मैलसे अलग दिखता है ऐसे सम्यग्दर्शनके प्रतापसे ज्ञानीको अपना आत्मा सर्व अनास्मासे, रागद्वेषोंसे, संकल्प विकल्पोंसे, शरीरादिसे व अन्य लोकके द्रव्योंसे पृथक् ही दिखता है। इस सम्यक्दर्शनको रोकनेवाले सात कर्म हैं। चार अनंतानुबन्धी कषाय क्रोध, मान, माया, लोभ और तीन प्रकारका दर्शन मोहनीय कम मिथ्यात्व, सम्यगमिथ्यात्व और सम्यक्पकृति मिथ्यात्व । अना. दिकालसे जिसको सम्यक नहीं हुआ है उसके सम्यक्तको रोकनेवाले मात्र पांच ही कर्म हैं। दो अंतके दर्शनमोह नहीं हैं। परन्तु जिसके सम्यक्त हो चुका है और छूट गया है उस सादि मिथ्यादृष्टीके सम्यक्तको रोकनेवाले सातों ही कर्म होसक्के हैं। उपशम सम्यक्त होते हुए मिथ्यात्व कर्मके तीन भाग होजाते हैं। जो आत्माके सच्चे स्वरूपको औरका और झलकावे व जिससे जीवादि सात तत्वोंके स्वरू. पका सच्चा भाव न प्रगटे वह मिथ्यात्व कर्म है। जिसके उदयसे जीवादि तत्वोंका व आत्माका सच्चा व झूठा मिला हुआ श्रद्धान हो वह सम्यमिथ्यात्व है। जिसके उदयसे या असरसे जीवादि तत्वोंका व आत्माका सचा श्रद्धान तो रहे परंतु उस अडानमें चल, मल, अगाढ तीन प्रकारके दोष लगें उसको सम्यक्मिथ्यास्व कहते हैं चल दोष यह है कि अरहंत, सिद्ध आदि परमात्माओंका स्वभाव एक होनेपर भी किससि अधिक व किसीसे कम लाभ जाने । जैसे यह विश्वास रक्खे कि शांति लाभ करने में शांतिनाथजी अधिक उपकारी होंगे। रक्षा करने में पार्श्वनाथजी अधिक लाभकारी होंगे। जिसप्रकार शुद्ध सुवर्ण भी मलके निमित्तसे मलिन कहा जाता है उसी तरह सम्पक्त प्रकृ. तिके उदयसे जिसमें पूर्ण निर्मलता न हो वह मलदोष है। मल अतीचारको कहते हैं। पांच प्रकारका अतीचार कभी २ लग सका है। १-किसी तत्वमें शंका होजाना, ३-भोगभिलाष होजाना, -रोगी आदि देखकर ग्लानि हो उठना, ४-मिथ्यादृष्टिकी मिथ्या क्रियाकी महिमा मनमें करने लगना, ५-मिथ्याष्टिकी मिथ्या क्रियाकी वचनसे प्रशंसा करने लगना ।
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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