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________________ पावसाचार ३n टीकाकारका परिचय। अग्रवाल कुल वैश्यमें, गोयल गोत्र महान । लक्ष्मणपुर अवधहि वसे, नगर सुमृत धन धान॥१॥ लाला मक्खनलालजी, पुत्र तृतीय जिनदास । विक्रम मिस पैनिसा, जन्म सुकार्तिक मास ॥२॥ सीतल नाम धरै सुभग, करै सुविद्याभ्यास। बत्तिस वय अनुमानमें, तज ग्रहहो वृषदास ॥३॥ भ्रमत धरत मावक सुबत,पालत चित खमणाय । जैन शासको पढत नित, धर्म ध्यान पर ध्याय ॥४॥ विक्रम सनिस शतक पर, मम्वासी शुभ जान । वर्षाकाल विताइयो, सागर नगर महान ॥५॥ मध्य प्रान्त विच राज ही, गिरि मंडल दरम्यान । । सागर सम सर शोभता, ता तट पुर पहजान ॥६॥ जैनी जन बहुवसत कर वाणिज्य प्रधान । जिन मंदिर शोमैं महा, शिषरवंद बहु जान ॥७॥ आठ बखे बाजारमें, कटरामें त्रय जान । काका गंज शनीचरी, निली माहिंजय मान ॥८॥ सारणतरण समाज कृत, चैत्यालय सुखदाय । धरत शास्त्र वेदीन पर, पूजत पढत स्वाध्याय ॥९॥ मोराजी पर राजती, संस्कृत शाला एक। . परदेशी बहु छात्र तई, पंडित बनत अनेक ॥१०॥ I
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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