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________________ ४श्रावकाचर ॥२२॥ आरहा है जब कि कुलीन मिथ्यादृष्टी मात्र विषयके स्वादका ही लोलुपी होरहा है। और भी कहा है गृहस्थो मोक्षमार्गस्थो निर्मोहो नैव मोहवान् । अनगारो गृही श्रेयान् निर्मोहो मोहिनो मुनेः ॥ ३३ ॥ भावार्थ-जो गृहस्थ मिथ्यादृष्टी नहीं है वह मोक्षमार्गपर चलनेवाला है और जो साधु मोहवान् मिथ्यादृष्टी है वह संसारमार्गपर चलनेवाला है। इसलिये एक मिथ्यादृष्टी मुनिसे एक सम्यक्ती गृहस्थ श्रेष्ठ है। श्लोक-तीर्थ सम्यक्तं साधं, तीर्थकर नाम शुद्धए । कर्म क्षिपति त्रिविधिं वा, मुक्तिपथं सार्थंध्रुवं ॥ २२० ॥ अन्वयार्थ (सम्यक्तं सार्थ) जो जीव सम्यग्दर्शन सहित है वही (तीर्थकर नाम) तीर्थकर नामकर्मको ॐ बांधकर ( तीर्थ) तीर्थकर जन्म लेता है। वह जन्म (शुद्धए) आत्माकी शुडिके लिये होता है। वहां (त्रिविधि वा कर्म क्षिपति) तीन प्रकारके कर्मोंका क्षय कर डालता है (मुक्तिपथं साथै ध्रुवं ) उसके यथार्थ व निश्चल मोक्षका मार्ग विद्यमान है। विशेषार्थ-जो सम्यक्ती होता है उसको ही तीर्थकर नाम कर्मका बंध होता है। उस सम्यक्त व तीर्थकर नाम कर्मके प्रभावसे वह जीव यातो उसी भवसे तीर्थकर होकर धर्मका प्रचार करता है जैसा विदेहोंमें होसका है अथवा एक भव और लेकर मनुष्य हो तीर्थकर पदधारी होता है जिसके इन्द्रादिदेव पांचों ही कल्याणक करते हैं। भरत व ऐरावतमें पांचों ही कल्याणक धारी जन्मसे ही तीर्थकर होते हैं। तीर्थकरोंके ऐसा यथार्थ आत्मानुभव होता है कि वे अपना लक्ष्य निरंतर आत्माकी शुद्धिपर ही रखते हैं । किंचित् भी वैराग्यका बाहरी निमित्त पाते ही वे दीक्षा लेलेते हैं। और थोडे ही परिश्रमसे घातिया काँका नाश कर केवलज्ञानी होजाते हैं। फिर जबतक आयु शेष है यत्र तत्र आर्यखंडमें विहार करके धर्मका उपदेश देते हैं। फिर सर्व कमासे रहित हो अर्थात् तीनों ही प्रकारके कमोसे छूट करके अर्थात् भावकर्म राग द्वेषादि, द्रव्यकर्म ज्ञानावरणादि व नोकर्म शरीरादि उन सबसे मुक्त हो शुद्ध सिद्ध होजाते हैं। यह परमोपकारी निश्चल सम्यग्दर्शन साथ साथ रहता है, वही तीर्थकर कर्मके बंधका निमित्त मिलाता है। वही तीर्थकरके जन्मका निमित्त ॥२२॥
SR No.600387
Book TitleTarantaran Shravakachar evam Moksh Marg Prakashak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaranswami, Shitalprasad Bramhachari, Todarmal Pt
PublisherMathuraprasad Bajaj
Publication Year1935
Total Pages988
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size30 MB
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