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श्रावका धर्म दर्पण अर्थात् नारी धर्म निरूषण। यह पुस्तक बडे महत्व की है : यह पुस्तक गुजराती में प्रकाशित कर " जैनाहतच्छु" के विख्यात सम्पादक बाडीलालजी शाहने “जैन समाचार" पत्र के ग्राहकों को भेटदाथी, भाषा एसी सहल है कि हरेक बच्चे के भी समझ में आसकती है, यह पुस्तक स्त्रीयों के विशेष उपयोगी है इस में छोटे २ वाक्यों में स्त्री धर्म वर्णन किया गया है इसका प्रत्यक वाक्य स्त्रीयों के कंठ करने योग्य है मूल्य केवल १ प्रति ॥ १० प्रति १)
हरेक स्त्री पुरुष के बांचने योग्य उत्तम ग्रन्थ.
भावनाशतक (मूल संस्कृत भावर्थ विवेचन हिन्दी में )
लेखक-शतावधानी पंडित मुनि श्री रत्नचन्द्रमी महाराज. इस पुस्तक में शास्त्र में कही हुई बारह भावनाओं का स्वरूप मूल संस्कृत में हरेक भावना आठ आठ श्लोक में वर्णन की गई है जिसका गुजराती भावार्थ विवेचन सरल भाषा में दाखल दलील पूर्वक दर्शाया गया है भावनाओं का व्यवहार स्वरूप समझ कर ज्ञान प्राप्त कर दुःख मय संसार को सर्वग रूप बनाना होवे तो भावना शतक अवश्य पढ़िये, अति उत्तमता से मुग्ध होकर हमारा विचार हिन्दी में छपाने का हुवा है.