________________
ॐ श्रीवीतरागायनमः॥
॥ श्री जम्बु गुण रत्न माला॥
श्रीमान् श्रावक जेठमलजी चौरड़िया जैपुर द्वारा रचित.
और श्रीमान् बिनयराज जी (बनराजजी) के सुपुत्र विजयराजजी बलुंदा (मारवाड़) निवासी की आर्थिक सहायता से.
मुन्शी केशरीमलजी रांका के पुत्र मोतीलाल रांका, मंत्री-श्री जैन धार्मिक ज्ञान वर्द्धनी सभा ब्यावर, ने सर्व साधारण के लाभार्थ , . श्रीयुत् डाक्टर धारशी गुलाबचन्द संघाणी H. L. M. S. के प्रबन्ध से "श्री जैन सुधारक प्रेस" अजमेर में
. मुद्रित करा कर प्रकाशित कराया। प्रथमावृत्ति १००० ] माघ शुक्ल पूर्णिमा वीर सं० २४४३. [मूल्य १ प्रति।।) पुठेकी।-)॥ १५ के ५)
lao