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________________ प्रकाशन अंगे __ आसवन संपूर्ण प्रकाशन श्री जैन भास्करोदय मुद्रणालय जामनगरमां कंट्राक्टरथी छापवा आपेल अने कागलपेटे पैसा पण आपेल छतां १७ अध्य० छापी अध्य० १८ ना पांच फरमा छापी बंध करी दीधु तेमने वारंवार लखवा छतां काई उत्तर न मलवाथी छेवटे नाईलाजे छापेल फोरम रद करी बीकानेरमा पू० हर्षविजयजी मा० ना चोमासामां श्री गोपाल प्रेस मा श्रीमान् झवरलालजी बांठिया हस्तक छपावीने श्री विनय-भक्ति-सुन्दर-चरण ग्रंथमाला पोताना १३-१४ पुष्प तरीके आज पणा लांबाटाईमे जनता समक्ष धरेछे आ सूत्रनु संशोधन पूज्य महाराज श्री हर्षविजयजी मुनिराजे कयुछे अने कालजी पूर्वक संशोधन करवा छतां जे अशुद्धि रहि गई तेनु शुद्धि पत्रक साथ मां दीधुछ सेमुनत्र सुधारीने पांचवा विनंतिछे, आ सूत्रमा पूज्य मुनि महाराज + श्री हर्षविजयजी महाराजना उपदेशथी जे गहस्थो मदद करीछे ते सदा धन्यवाद ने पात्रछे अने ते बदल पूज्य महाराज श्री - नो तथा मददकरनार महाशयोनो आभार मानीए छीए । श्रीमान् अगरचंदजी नाहटाने प्रस्तावना लखी आपवानी उदारता दाखवी को तदर्थ तेमना आभारी छीए । मदद करनार गृहस्थोनी नामावली ३५२) श्री कोशीलाव श्री प्रोसवाल संघ तरफथी ज्ञान खाताना .. ५१) श्रीमान् लक्ष्मीचंदजी फतेचंदजी कोचर बीकानेर ... ४००) श्रीमान् जीवराजजी नथमलजी रामपुरीया बीकानेर ५१) श्रीमान मनलचंदजी शिवचंदजी भावक बीकानेर ली प्रकाशक
SR No.600344
Book TitleUttaradhyayanani Part 03 And 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavvijay Gani, Harshvijay
PublisherVinay Bhakti Sundar Charan Granthmala
Publication Year1959
Total Pages456
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size12 MB
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