________________
कल्पमूत्र. सुबोधि०
॥२२६॥
हिन्दी- [४]
[५] श्रीअरनाथ स्वामिके निर्वाणसे कोटि सहस्र श्रीकुंथुनाथ स्वामिके निर्वाणसे कोटि सहस्र श्रीशांतिनाथ स्वामिके निर्वाणसे अर्द्ध पल्योवर्षे श्रीमल्लिनाथ निर्वाण, पीछे ६५ लाख वर्ष न्यून एक पल्योपमके चौथे भागमें श्रीअ- पमे श्रीकुंथुनाथ निर्वाण, उसके पश्चात् एक ८४ हजार नवसौ अस्सी वर्षे पुस्तकवाचनादि रनाथनिर्वाण, उसके बाद कोटिसहस्र ६५ पल्योपमके चौथे भाग, ६५ लाख ८४ हजार ॥ १८॥
लाख ८४ हजार नवसौ अस्सी वर्षे पुस्तक- नवसौ अस्सी वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ १६॥
वाचनादि ।। १७॥ B गुजराती- []
श्रीअर निर्वाणथी कोटि सहस्र वर्षे श्रीमल्लि- श्रीकुंथुनाथ निर्वाणथी कोटि सहस्र वरसई श्रीशांतिनाथ निर्वाणथी अर्धपल्योपमई | निर्वाण, तिवारपछी पांसठि लाख चउरासी न्यून पल्योपमनई चोथई भागई श्रीअर निर्वा- श्रीकुंथुनिर्वाण, तिवारपछी पल्योपमनो चोथो सहस्र नव शत अइसी वर्षइं पुस्तकवाचना- ण, तिवारपछी वर्ष सहस्र कोटि पांसठि लाख भाग पांसठि लाख चउरासी सहस्र नव शत दि ॥१८॥
चउरासी सहन नव शत अइसी वर्षे पुस्तक- अइसी वर्षई पुस्तकवाचनादि ॥ १६ ॥ वाचनादि ॥१७॥
॥२२६॥