________________
वीरियधम्मसमाही .... ५४०-२-२३ सद्दहमाणोवि जओ .... ९२-२-१ सुत्तं वित्ती तह वत्तिअंच ५४३-२-२२ बूढो गणहरसद्दो .... १२८-२-१ समओ वेआलिअं .... ५४०-२-२२ सुहपडिवोहा निद्दा .... ५६७-१-१ वेयावच्चं वावडभावो.... ५३४-२-१८ समविसमंमि य पडिओ ५२९-१-१ सेणावइ गाहावई .... २५७-१-२ वोसह चत्तदेहो .... ५३८-२-२५ सवत्थ संजमं .... १८०-२-११ सो हु तवो कायबो .... ८४-२-१०
सबाण वि जिट्टिई .... ५११-२-२३ संकेतदिवपेमा .... ९०-२-८ सइ काले चरे भिक्खू ४८६-१-२ सबावि अ अजाओ .... १६६-१-९ संतगुणकित्तणेण वि ..... २२९-२-५ सज रवइ मयूरो .... ३१५-२-२१ सबेवि दुक्खभीरू .... १९९-२-५ समुच्छिमकम्मा .... १८०-२-३ सज्जेण लहइ वित्तिं .... ३१५-२-२१ सवेवि पढमे जामे .... ४८२-२-१५ संसहमसंसट्ठा .....५३२-१-१३ सत्थग्गीजल सावय .... १५८-१-६ साहह दोवि पाए .... ५३९-२-२२ संसाररंगमज्झे ___.... १६६-२-१ सत्थपरिण्णा लोगविजओ ५४३-२-१४ सिरफुरणे किर रजं .... २००-२-५
UTR-1