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| सख्या . माह्या होय ते विचारी जोजो ॥
प्रिय पांच तेनां संस्थान श्राकार लखिये डिये. श्रोत्रंजियनो संस्थान कयंब फुल सरीखो | |॥१॥ चक्षुरिंजियनो संस्थान मसूर चंद्रमा सरिखो ॥२॥ घ्राणेंद्रियनो संस्थान अतिमुक्तक
पुष्प सरीखो ॥ ३॥ रसनेंदियनो संस्थान रपला सरीखो ॥४॥ स्पर्शनेंद्रियनो संस्थान नाना ६ प्रकारनो जाणवो ॥ इंडियनुं जामपणुं लखिये लिये. श्रोत्रंपियनो अंगुलनो असंख्यातमो नाग
॥१॥ चकुरिंद्रियनो अंगुलनो असंख्यातमो नाग ॥ २॥ घाणेजियनो अंगुलनोअसंख्यातमो नाग ॥३॥ रसनेंजियनो अंगुलनो असंख्यातमो नाग ॥४॥ फरसनेजियनो अंगुलनो असंख्यातमो नाग ॥५॥
इंडियनुं विस्तारपणुं लखिये बिये. श्रोत्रेजियनो विस्तार अंगुलनो असंख्यातमो नाग ॥१॥||| । चनुरेंजियनो विस्तार अंगुलनो असंख्यातमो नाग ॥२॥ प्राणेजियनो विस्तार अंगुलनो असं
ख्यातमो नाग ॥३॥ रसनेजियनो विस्तार अंगुलपुहुत्त अंगुल (नव) लगी ॥४॥ फरसनेजियनो
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