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क०स्व
कलिकाः तस्वरूप
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बोहितो विण वुज्ज, दुसमे एयरिसा सिस्सा ॥ ५७ ॥ विशला अन्नस्क नोई, निहुरवयणा कुवत्त मंदमई॥ विससमणाणं मुणए, दुसुमे एयारिसा सिस्सा ॥ ७ ॥ ज बह हवश कुसिस्सा, || दुसुमे काले तहा सुसिस्सावि ॥ विणई विवेथ जुत्ता, अवि एयारिसा सिस्सा ॥ एए ॥ गुरु जण आणाकारी, सलज सुवियारकारगा सुनगा ॥ सुद्धायार सुसवं, अप्नसई तेवि सिसोनि ॥ ६ ॥ श्रायरिय उवप्नाया, गीयबा थिवर सुद्धमायारी॥तसु पय सेवण कुशला, कालेवि एरिसा | सिस्सा ॥ ६१ ॥ समदम सुछ वियारी, सुहु विहारिय सुद्ध आहारी ॥ सुगुरु परंपरकारी, सिस्सा | दुसुमेवि आयारी॥ ६२॥ दुसमे साहु सरूवं, वण्ण वियं वदृमाण जं दिकं॥ साहु सहाय मुणित्ता, सावय रूवं नणिस्सामि ॥ ६३ ॥ समणाणं नहु मएणश, कुगुरु कुदेवाण मएणए अहियं ॥बोहिंतो पहबुज्छ, कलिकाले एरिसा सदा ॥६४॥णहमुणजिणवयणं, साहु सरूवं ण जाणए सम्म॥ जश मुणई णोसद्धा, कलिकाले एरिसा सहा ॥६५॥ णहु जाण ववहारं, पिच्यरूवं ण जाणए किंचि ॥ णिंद साहुसरूवं, कलिकाले एरिसा सवा ॥ ६६ ॥ णहु मएण जिणपमिमा, जिणमय
MaavaavaDORE/BasawaDars