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च च हृद्य पंचम (८) चन
केरा, एगारस तिति दुडु दु दुन्नि इक सरग अनेरा ॥ सोल उदेसा एक पण की धोविच्छेद, नहु लिखियो किए हि विशेष ते न लहु नेद ॥ १४॥ पंचवीशसत ग्रंथ मान (२००) दिवे बीजो अंग, सहस दुन्नि (२०००) जसमान तेय सिरि सूयगभग ॥ चन तिति दुदु इम पंचलगी चउदद 'उद्देसा, इक सरगा अध्ययन अवर वीस असेसा ॥ १५ ॥ गणांगे अध्ययन जाए दस पनर उदेसा, तिन्नि सहससय सत्तसही ( ३७६० ) जिह बहु विसेसा ॥ चोथे अंगे एक थकी समवाय विचार्या, कोमाकोमी सीम सुगुरु वचने मन धार्या ॥ १६ ॥ एक खंध एक सदस बसय सत्तसहि (१६६७) परिमाणे, एहना जे बे नाव तेह गीतारथ जाणे ॥ पंचम अंगे सतक संख ए| कसो अमतीस (१३८), उद्देसक तिह एक सहस नवसय पंचवीस (२०२५) ॥ १७ ॥ पनर सदस यस सहि (१६०) ए ग्रंथ प्रमाण, बठे अंगे खंध दुन्नि तिह पहिले जाए ॥ एगुणवीस (१५) न्याय के बीजे दस वग्ग, धम्मका हु कोमी तिह मिलिय समग्ग ॥ १७ ॥ ब सहस (६०००) संख्या ग्रंथती दिवे सत्तम अंग, खंध एक अध्ययन दसय श्रावक गुण चंग ॥ अमसय बारुत्तर
ककक ककककक