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महावीरजन्म.
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| तेहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पब्वइत्तए" ॥सू. ९४ ॥ तए णं सा तिसला खत्तियाणी हाया कय-बलिकम्मा कय-कोउय-मंगल-पायच्छित्ता जाव सव्वालंकार-विभूसिया तं गभं नाइसीएहिं, नाइउण्हेहिं, नाइतित्तेहिं, नाइकडुएहिं, नाइकसाएहिं, | नाइअंबिलेहिं, नाइमहुरेहिं, नाइनिद्धेहिं, नाइलु
खेहिं, नाइउल्लेहिं, नाइसुक्केहिं, सव्वत्तुग-भयमा| णसुहेहिं, भोयणाच्छायण-गंधमल्लेहिं, ववगय-रोग
-सोग-मोह-भय-परिस्समा जं तस्स गभस्स हिअं मियं पत्थं गब्भपोसणं तं देसे अ काले अ * आहारमाहारमाणी, विवित्त-मउएहिं सयणासणेहिं
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