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वर्षासमये वसतिस्थाने साधुः
| वासावासं पज्जोसवियस्स नो कप्पइ पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स कणग-फुसिय-मित्तमवि वुट्टिकायंसि निवयमाणंसि जाव गाहा
वइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए + वा पविसित्तए वा ॥सू. २८॥ वासावासं प
ज्जोसवियस्स पाणि-पडिग्गहियस्स भिक्खु| स्स नो कप्पइ अगिहंसि पिंडवायं पडिगा
| हित्ता पज्जोसवित्तए, पज्जोसवेमाणस्स सहसा | वुट्टिकाए निवइज्जा देसं भुच्चा देसमादाय से | पाणिणा पाणिं परिपिहित्ता उरंसि वा णं निलिज्जिज्जा, कक्खंसि वा णं समाहडिज्जा, अहा