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SAROKARCHASEE
हता; तेवा शासन ऊपरना भयंकर आक्रमण अवसरे प्रातःस्मरणीय पूज्यपाद आगमोद्धारक स्व. आ. श्री आनन्दसागरसूरीश्वरजीनी संमतिने अनुसरीने तेओश्रीना विद्वद्विनेयरल-श्रीसिद्धचक्रतीर्थोद्धारक-श्रीसिद्धचक्र-नवपदआराधकसमाजसंस्थापक-वैयाकरणकेशरीश्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनमहाव्याकरण पर श्रीआनन्दबोधिनी वृत्तिना रचयिता, श्रीवर्द्धमानतपोमाहात्म्य, विंशति विशिंका-सारांशरहस्य, पंचाशकशास्त्रसारांश, सूत्रकृताङ्गसारांश, सुधावर्षादि विविध साहित्यना आलेखनकार पूज्यपाद आचार्यदेवश्री चन्द्रसागरसूरिजीनी शासनसंरक्षक प्रेरणाथी अने तेओश्रीनी पुनित देखरेख नीचे उपर जणावेला अनेकविध विघातक तत्त्वोने जडमूलथी नाबुद करवा माटे अने शासनरसिक-चतुर्विधसंघमां धर्मना जोमने प्रबलवेग आपवा माटे श्रीसिद्धचक्रपाक्षिकनो जन्म थयो. ते पाक्षिक, संचालन करवा माटे अने आराधकोनी आराधना आराध्यपदने अनुसरवा साथे उज्ज्वल बने ते हेतुथी तेने अनुसरतुं शासनमान्यसाहित्य- प्रकाशन करवा माटे साथे साथे श्रीसिद्धचक्र-साहित्य-प्रचारक-समितिनो पण जन्म थयो.. बन्नेनी प्रशंसनीय कार्यवाही____ आ शासनसंरक्षक-श्रीसिद्धचक्रपाक्षिकने प्रबळवेग आपीने पगभर बनावया माटे पू. आगमोद्धारकनी अमोघदेशनाओ, तथा तेओश्रीए आपेल समाधानोना संचयरूप श्रीसागरसमाधानद्वाराए जटिलपश्नोना प्रत्युत्तरो, आराधकोना जीवन आराधनामां
ओतप्रोत बने अने विराधनाथी बचे ते सारु सुधानी गरज सारी शके तेवा तेओ श्रीमान्नाहृदयस्पर्शी सुधा समान वाक्योना संचयरूप, सुधासागर, शासन पर हुमला करनाराओने जडबातोड जवाब मली शके ते सारु समालोचना विगेरे सुन्दरविभागोने-सुन्दर-अतीव उपकारीक सामग्रीओथी, अने तेओश्रीना विद्वद्विनेयश्रीचन्द्रसागरसूरिजीना प्रेरणात्मक सदुपदेशे आर्थिकसहायको मलवाथी समिति
CARROCARRACAN
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