________________ विशेषाव कोबाचार्य वृत्ती सर्वजिनानां संबोधनादि REA1% // 450 // 5 // 45 // (उसमोय विणीयाए वारवईए अरिहवरनेमी। अवसेमा तित्थयरा) निक्वंता जम्मभूमीसु // 1661 // उसभो सिद्धत्थवर्णमि वासुपुज्जो विहारगिहयंभि / धम्मो य वप्पगाए तेलगुहाए य मुणिनामा।।१६६२शा आसमपयंमि पासो वीरजिणिंदोय नायसंडंमि / अवसेसा निक्खंता सहसंबवणंमि उजाणे // 166 // पासो अरिहनेमी सेज्जंसो सुमइ मल्लिनामा य / पुवण्हे निक्खंता सेसा पुण पच्छिमहंमि॥१६६४॥ (दाएं) गामायारा विसया निसेविया ते कुमारवज्जेहिं / गामागरादिएसु य केसु विहारो भवे कस्स // 1665 // मगहारायगिहाइसु मुणओ खेत्तारिएसु विहरिंसु / उसभो नेमी पासो वीरो य अणारिएसुपि // 1666 // दारं उदिता परीसहासिंपराइया ते य जिणवरिंदेहि / (दारं) नव जीवाइपयत्थे उवलभिऊणंव निक्वता // 1667 / / पढमस्स बारसंग सेसाणेकारसंगसुयलाभो / (दाएं) पंच जमा पढमंतिमजिणाण सेसाण चत्तारि // 1668 / / पचक्खाणमिण (दार) संजमोउ पदमंतिमाण दुविगप्पो।सेसाणं सामइओ सत्तरसंगोयसब्वेसिं॥१६६९॥ वाससहस्सं पारस चोहस अट्ठार वीसवरिसाई / मासा छण्णवतित्ति य चउतिगद्गमेकगद्गं च // 1670 // तिदुएकगसोलसगं वासा तिन्नि य तहेवहोरत्तं / मासेक्कारसनवगं चउपपणदिणा य चुलसीतिं // 1671 // तह पारस वासाइं जिणाण छउमत्थकालपरिमाणं / उग्गं च तवोकम्मं विसेसओ वद्धमाणस्स // 1672 // उसभस्स पुरि (मताले) वीरस्सुजुवालियानईतीरे। सेसाण केवलाई जेसुज्जाणेसु पब्वइया // 1673 // तेवीसाए नाणं उप्पण्णं जिणवराण पुव्वण्हे। वीरस्स पच्छिमण्हे (पमाणपत्ताए च) रिमाए॥१६७४॥