________________ विशेषाव कोट्याचार्य वृत्तौ वर्गणास्व ROLO // 22 // // 221 // तत्तो संखाईआ संखाइयप्पएसमाणाणं / तत्तो पुणो अणंताणंतपएसाण गंतुणं // 637 / / ओरालियस्स गहणप्पाओग्गा वग्गणा अणंताओ। अग्गहणप्पाओग्गा तस्सेव तओ अणंताओ // 638 // एवमजोग्गा जोग्गा पुणो अजोग्गा य वग्गणाऽणंता। वेउव्वियाइयाणं नेयं तिविगप्पमिक्केक्कं // 39 // एक्केक्कस्साईए पजंतम्मि य हवंतिऽजोग्गाई / उभयाजोग्गाई जओ तेयाभासंतरे पढइ // 14 // कम्मोरिंधुवेयरसुण्णेयरवग्गणा अणंताओ। चउधुवणंतर तणुवग्गणा य मीसो तहाऽचित्तो॥६४१॥(नि.४०) निच्चं होंति धुवाओ इयरा लोए न होंतिवि कयाई / एकोत्तरवुड्डीए कयाइ सुण्णंतराओऽवि // 642 // जाओ हवंति ताओ सुण्णंतरवग्गणत्ति भण्णंति / निययं निरंतराओ होति असुण्णंतराउत्ति // 14 // धुवणंतराइं चत्तारि जं धुवाई अणंतराइं च / भेयपरिणामओ जा सरीरजोग्गत्तणाभिमुहा // 644 // खंधदुगदेहजोग्गत्तणेण वा देहवग्गणाउत्ति। सुहुमो दरगययायरपरिणामो मीसयक्खंधो // 645 // जइणसमुग्घायगईऍ चउहिं समएहिं पूरणं कुणइ / लोगस्स तेहिं चेव य संहरणं तस्स पडिलोमं // 646 // जइणसमुग्घायसचित्तकम्मपोग्गलमयं महाखंधं / पइ तस्समाणुभावो होइ अचित्तो महक्खंधो॥६४७॥ सव्वुक्कोसपएसो एसो केई न चायमेगंतो / उक्कोसपएसो जमवगाहडिओ चउट्ठाणो // 648 // अट्ठप्फासो य जओ भणिओ, एसोय जंचउप्फासो। अण्णेऽवितओ पोग्गलभेया संतित्ति सद्धेयं // 649 // एगपएसोगाढाण वग्गणेगा पएसवुड्डीए / संखेजोगाढाणं संखेना वग्गणा तत्तो // 650 // FROCRACANCERICANKAR RE