________________ 22 ठिइ, 23 पुट्ठी, 24 नंदी, 25 भद्दा, 26 विसुद्धी, 27 लडी, 28 विसिट्ठदिट्ठी, 29 कलाणं 30 मंगलं, 31 पमोउ, 32 विभूइ, 33 रक्खा, 34 सिहावासो, 35 अणासवो, 36 केवलीण्णंट्ठाणं, 37 सिव, 38 समिइ, 39 सीलसंजमोतिय, 4. सीलघरो, 41 संवरोय, 42 गुत्ती, 43 ववसाओ, 44 उस्सतोय, 45 जण्णो, 46 आयतणं, 47 जयणा, 18 मप्पमाओ, 19 असासो, 5. वीसासो, 51 अभओ सव्वस्सवि, 52 अमाघाओ, 42 अनुवादक-बाल ब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी - * पकाशक राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालापमादजी * 21 वृद्धि 22 स्थिति आत्मा को स्थिर करने वाली अथवा सादि अनंत मोक्ष स्थान में प्राप्त करने वाली 23 पुष्टि-धर्म से पुष्ट 24 नंदी-आनंद कर्ता, 35 भद्रा कल्याण कर्ता, 26. विशुद्धि-विशुद्ध कर्ता, 27 लब्धि-लब्धि प्राप्ति का स्थान 28 विशुद्ध दृष्टि 29 कल्याण-कल्याण कर्ता 30 मंगलं-मंगल कर्ता 31 प्रमोद कर्ता 32 विभूति कर्ता 33 रक्षा कर्ता 14 सिद्ध वासी-मुक्ति में निवास कर्ता, 35 अनाश्रवी आश्रव का निरोधक,३६ केवली का स्थानक, 37 उपशिव-उपदवहर्ता 38 सपित्ती-सम्यक् कर्ता 39 शील संयपका स्थान 40 शील घर-आचारका घर 42 गुप्ति 43 व्यवसाय, 44 उत्सुकता, 45 यमभाव कर्म अशुचि हा 46 आयतन-गुण का घर 47 जवन-अध्ययन 48 अप्रमाद 49 आश्वासन 50