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________________ | देखी मुज । होगइ दंग ॥ देखो ॥ १८ ॥ राते गुप्त परण्यो। प्राते जागी नृप बात ॥ * कोटवाल साथे भेज्यो । करवा घात ॥ देखो ॥ १९॥ साधूजी महाराज मिल्या दीनो छोडाय ॥ नाशीने गरुड चडी आयो इण ठाय ॥ देखो ॥ २० ॥साची बात कही। मदन में विस्तार ॥ कम्पितहृदय ते । पाम्या चमत्कार ॥ देखो ॥ ॥२१ मीठी सीख देवे । नहीं | कीजे एहवा काम ॥ इहां इज रहो। सहू पासो आराम ॥ देखो ॥ २२ ॥ सीख माजी मदनजी । रहे तिण घेर ॥ खाती खातीणरी भक्ती । करे बहु पेर ॥ देखो ॥२३॥ पहले खंड | पूरो हुयो। सतरे ढाल ॥ अमोलक कहे । मदन पुण्य विशाल ॥ देखो ॥ २४ ॥8॥R प्रथम खन्ड सारांश हरीगीतच्छंद ॥ प्रथम खन्ड सम्मास मन्डन । वसुपति विदेशे गया। मदन सरिता पूरे वहाइ । पद्म खाती घर रहया ॥ गरुड चड महंदपुर पतीनी। कन्या वर | केदी थया ॥ मुनिराज साजे ऊगर्या । इत्यादि ए चरित्र कथा ॥१॥ * * परम पूज्य श्री कहानजी ऋषिजी महाराजके सम्प्रदाय के बाल ब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलख ऋषिजी रचित पुन्यप्रकाश मदन श्रेष्टी चरित्रस्य प्रथम खन्डम् समाप्तम् ॥१॥
SR No.600299
Book TitleMadan Shreshthi Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherSukhlal Dagduram Vakhari
Publication Year1942
Total Pages304
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size22 MB
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