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________________ * I 1 सजन औ० ॥ आं ॥ महापुण्यवंत मदन ते वारे । आया हवेली मझारे ॥ मूर्खको नीचे वेस बणायो । पूर्व परे तत्कालेरे साजन || औ ॥ १ ॥ हड २ हंसता ऊपर चडिया कुँवरी आगल आह पडिया ॥ हाहा राते मज कैसी आइ । लेख विर्घाका घडीयारे साजन ॥ औ ॥ २ ॥ समजी चरित्र कुँवरी खिशाणी । भाले लीक चडाइ ॥ वस २ अब रहवा दो तमशा । प्रगट हुई कपटाइरे ॥ सा ॥ औ | ३ || दगाबाज सदा सुख पावे । सरल स्वभावी सिधावे ॥ करतां तमाशा लाज न आवे । नाहक हमने चिडावेरे ॥ सा ॥ औ ॥ ४ ॥ किस्यो वैर लेवो मुज साथे । ते लेवो एक वारेः । कैदमें न्हाखीने संतापो । ते केवोनी | गुन्हा हमारेरे ॥ सा ॥ औ ॥ ५ ॥ आश्चर्य जैसी मुद्रा करीने । कहे मदन नरमाई ॥ किस्यों गुन्हो हुयो म्हाराथी । तिण थी तुम रिसाइरे ॥ सा ॥ औ ॥ ६ ॥ तुम आज्ञा थी हूं तो गयो थी । हुह हकीगत कहीने || भाडे परण्यो राजकीपुत्री | आयो छू रात रहीनेरे ॥ मा || औ ॥ ७ ॥ महारी भूल हुवे सो फरमावो । व्यर्थ कोप न लावो || परदेश माहे | आधार तुमारो || कृपा कर सीतल थावोरे ॥ सा ॥ औ ॥ ८ ॥ कुँवरी कहे नाटक करो पूरो । हिवे लबाडी छोडो । किम वणो छो मूर्ख शाणा । मुजने लागे छे खोडो रे ॥ सा ॥ औ ।। ९ ।। रूपसुन्दरी रिजावा कारण । इंद्रसा वणी सिद्धाया ॥ महासंकट सही तुम तस लाया । खुशी करी तसकायारे ॥ सा || औ ॥ १० ॥ मैं कांइ थांकी चोरी कीधी मूर्ख सा
SR No.600299
Book TitleMadan Shreshthi Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherSukhlal Dagduram Vakhari
Publication Year1942
Total Pages304
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size22 MB
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