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________________ सम्यक्त्वकौमुदी ॥ शुद्धिपत्रकम् ॥ शुद्धिपत्रक पृष्ठं पंक्तिः ॥२१॥ अशुद्धं स्नाक्षुस्ते वेश्यमनि ४६ XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX पृष्ठं पंक्तिः अशुद्ध ९८ द्यति १५ ४ था विधेयः • कारिणम् ०ध्याम० मवेद् वैर० चाचत्यो एव० ०रुमत्ता मृतिका बलभारोग्यं सत्कम० 0020664020 ०द्युतिः तथा विधेयः ०कारिणीम् ०ध्यात्म भवेद् वैरि० चाचख्यौ एत० ०रुत्तमा ०मृत्तिका बलमारोग्यं सत्कर्म । १४५ १४७ 299 mr.. शुद्धम् श्राक्षुस्ते वेश्मनि स्नेह झटित्यु ०मश्नुते सप्त शुक्शवृत्ति प्रतिमा ०स्तत्रादाय पद्मसौरभा ३०३ रूपं चतुर्विधम् झटिस्त्यु ०मश्रुते सम्प्त शुक्लबत्ति प्रतिमा ०स्त्रतादाय पचासौरभा ३०२ रूवं चतुविधम् १७२ १७८ ॥२१५॥ १८०
SR No.600296
Book TitleSamyaktva Kaumudi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinharsh Gani, Vijayjinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1984
Total Pages220
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size14 MB
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