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roidcocoROOOOOOOOOcwooooooooooooooooooan. श्रीमद्गणधरगौतमस्वामिसंदृब्ध-श्रुतकेवलिश्रीमद्भद्रबाहुस्वामिसूत्रितनियुक्तिचूर्णियुतं
श्रीमजिनदासगणिमहत्तरकृतयासूत्रचूर्णा समेत
श्रीमदावश्यकसूत्रं (पूर्वभागः)
प्रकाशिका-जामनगरवास्तव्य श्रेष्ठिधारशीभाइदेवराजस्य सद्गतसुपुत्रलक्ष्मीचन्द्रस्यस्मरणार्थ तत्सुपुत्र चुन्नीलालेत्यनेन कृतेनार्थसाहाय्येन
श्रीऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांबरसंस्था रतलाम. मुद्रयिता-इन्दौर नगरे श्री जैनबन्धुमुद्रणालयाधिपः श्रेष्ठी जुहारमल मिश्रीलाल पालरेचा. प्रतयः २५० वीरसंवत् २४५४ विक्रमसंवत् १९८४ क्राइस्टसन् १९२८ ग्राहकाणां पण्यं ४-०-० WOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOood
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