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________________ -- विशेषावश्यक गाथा: श्रीमलधा-18| मंखलिमंखलुरुद्दा(सुभद्दा सरवणगोबहुलमेव गोसालो । विजया नंदसुनंदे, भोयणखज्जे य कामगुणे ।। १९१९ ॥ ४७३ ॥ यतिदिष्टादकोल्लागबहुलपायस दिव्वा गोसाल दटु पव्वज्जा । बाहिं सुवन्न खलपायस थालि नियत्तीए गहणं च ॥ १९२० ॥ ४७४ ॥ बंभणगामे नंदोवणंद उवणंद तेय पव्वज्जे (च्चद्धे) । (चंपा दुमास) खमणण वास(वासं मुणी) वसइ ॥ १९२१ ॥ ४७५ ॥ ॥२८॥ कालाए सुन्नगारे, सीहो विज्जुमइगोविदासीए । (खंदो दंति) लियाए, पत्तालग सुण्णगामि ॥ १९२२ ॥ ४७६ ॥ मुणिचंदो कुमाराए, कुवणयचंपयरमाणिज्ज उज्जाओ (णे)। चोरा य चारियगडे सोमजयन्ती उवसमेइ ॥ १९२३ ॥ ४७७ ॥ (पिट्ठीचंपावासं तत्थ चउमासिएण खम)णेणं । कयंगलदेउलवरसेइ, दरिद्दथेरा य गोसाले ॥ १९२४ ॥ ४७८॥ सावत्थी सिरिभद्दा, निंदू पितिदत्त पयस सिवदत्ते । दारगणिणक्ख(वाला हलिद्द पडिमागणी पहिया) ॥ १९२५ ॥ ४७९ ॥ (तत्तो य गंगलाए डिंभ) मुणी अच्छिकवणं चेव । आवत्ते मुहतासे, मुणिउत्तिय बाहि बलदेवो ॥ १९२६ ॥ ४८०॥ |चोरा मण्डवभोज्ज, गोसाले वहण तेय झामणया । मेहो य कालहत्थी, कलंबुयाये य उवसग्गा ॥ १९२७ ॥ ४८१॥ | लाढेसु य उवसग्गा, घोरा पुन्नकलसा य दो तेणा । वज्जहया सक्कणं भद्दिय वासासु चउमासं ॥ १९२८ ॥ ४८२॥ कयलिसमागम भोयण मंखलिदहिकूर भगवओ पडिमा । जंबूसंडे गोट्ठीय भोयणे भगवओ पडिमा। १९२९ ॥ ४८३ ॥ तंबाये नंदिसेणे, पडिमा आरक्खि वहणभयडहणं । कृवियचारियमोक्खण विजयपगम्भा य पत्तेयं ॥ १९३० ॥ ४८४ ॥ | तेणेहिं पहे गहिओ, गोसालो माउलोत्ति वाहणया । भगवं वेसालीए, कम्मारघणेण देविंदो ॥ १९३१ ॥ ४८५ ॥ | गामाय विभेलगजक्ख तावसी उवसमावसाणथुई। छगुण) सालिसीसे विसुद्धमाणस्स लोगोही ॥ १९३२ ॥ ४८६ ॥ | ॥२८॥
SR No.600286
Book TitleNandisutrasya Churni
Original Sutra AuthorRushabhdevji Keshrimalji Shwetambar Samstha
Author
PublisherRushabhdevji Keshrimalji Shwetambar Samstha
Publication Year1928
Total Pages238
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_nandisutra
File Size19 MB
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