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विधिपक्षगच्छीय (अंचलगच्छीय) श्रीमेरुतुंगसूरि विरचितम्॥ श्रीनाभाकराजचरित्रम्. ॥TER.
(भाषांतर सहित.)
विधिपक्षगच्छीय मुनिमंडल अग्रेसर मुनिमहाराज श्रीगौतमसागरजीना सदुपदेशथी--- श्री कच्छ-भूजनगरना रहेवाशी विधिपक्षगच्छीय लालनगोत्रना शा. डोसाभाइ लालचंद तथा शा. करमचंद लालचंदे, तेमना मातुश्री इंद्राबाह संवत १९७५ मा श्री सिद्धक्षेत्रमा
चातुर्मास रहेला ते समये देवद्रव्यनी रक्षा माटे आ ग्रंथ छपाच्यो.