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________________ श्रीदे | ॥१६॥ चउधणुपारंसद्गागयमायंगुलपमाणअंगुलयं । ते उसहो वीससयं पारंगुलहाणि जा सुविही ॥१७॥ वीसंसदुअंगुल जाव || मरीचिचैत्य श्री- HO हाणिऽनंतो तयधु जानेमी। सगवीसंसा पासो इगवीसंसो महावीरो॥१८॥ आऊचुलसी विसयरी सद्दी पचाय चत्त तीस बीस । दस दृष्टान्तः धर्म संघा- दो इगपुज्वलक्खा सग चुलसी विसयरि सट्ठी ॥१९॥ तीस दम एग लक्खा वंरिसाणं सहसपणनवह चुलसी। पणपना तीस दस चारविधी एणु सहस सयं च दुगसयरी ॥२०॥ चुलसीइ वरिसलक्खा पुच्वंगं तग्गुणं भवे पुवं । सत्तरिकोडी लक्खा वरिसा छप्पन्न सहस ॥३०७॥ कोडि ॥२१॥ पुन्वंगहयं पुन्वं तुडियंगं वासकोडिकोडीओ। गुणसहि लक्खसगवीस सहस्स चत्तारि य सया उ ॥२२।। अट्ठा वयंमि उसहो चीरो पावाइ रेवये नेमी। चंपाऍ वासुपुजो सम्मेये सेसजिणसिद्धा ॥२३॥ इह पन्न तीस दस नवकोडिलक्खा कोडि| सहस नवनवई । नव अयरकोडिसई नवकोडि नवकोडि इगकोडि ।। २४ ॥ अयरसयवरिसछावहिलक्खडबीससहस्स ऊणयरं । चउपन तीस नव चउ तिय अपरा पउणपलिऊणा ॥२५॥ पलियद्धं कोडिसहस वरिससऊणो य पलियचउभागो। वरिसाण क्रोडिसहसा लक्ख चउपन छप्पंच ॥२६॥ पउणचुलसीइ सहसा अडाइसयनि अंतरतिवीसे । अयरेगकोडिकोडि बायालसहस्सवरिषणो | ॥२७॥ इगइगतिगइगतिय इगइगसपरी इगार पलियचउभंगो। सुविहाइसर्गतरयमि तित्थच्छेओन सेसेसु ॥२८॥ चक्की भरहो | सगरो मघव सणंकुमर संतिकुंथुअरा । सुभुम महपउम हरिसेण जउनियो बंमदत्तो य ।। २९ । चक्किमपुरि विणीया अउज्म सावत्थि गयउरे पंच । वाणारसी कंपिल्ले रायगिहे चेव कंपिल्ले ॥३०॥ चकिजणणी सुमंगल जसवइ मद सहदेवी अइर सिरिदेवी।। देवी तारा जाली मेरा वप्पा य चुलणी य ॥३१॥ उसमे सुमितविजए समुद्दविजए य आससेषे य। तह वीससेण रे सुदरिस कित्तिविरिए य ॥३२॥ पउमुत्तरे महाहरि विजये मे पिया उ चक्कीणं । इक्खागवंसकासरगुचाण सुवनवनाणं ॥३३शा पणधY-11 || ॥३०७॥
SR No.600278
Book TitleChaityavandanbhashyam
Original Sutra AuthorDevendrasuri, Dharmkirtisuri
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year1988
Total Pages490
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size12 MB
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