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________________ - भावार्थ शब्दार्थ सेम. महाशिला कंटक सं० संग्राम में भगवन् सं. संग्राम में २० वर्तमान के. कौन ज. जिता के कौन प० पराजित हुवा गो गौतम व० इन्द्राणी वि० विदेहपुत्र ज जयपाया न० नवमल्लकी ननवलेच्छकी का० काशी के को कोशलदेश के अ० अठारह ग.. प्रधान राजाओं प० पराजित हुवे ॥२॥ त० | ९४७ | तब से वह को० कूणिक राजा म० महाशिला कंटक संग्राम उ० प्रारंभ हुवा जा० जानकर को , सुय मेयं अरहया, विण्णायमेयं अरहया, महासिलाकंटए संगामे ॥ महासिलाकंटएणं भंते ! संगामे वट्टमाणे के जयित्था के पराजथित्था ? गोयमा ! वजीविदेहपुत्ते जयित्था नवमलइ नवलेच्छङ् कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो पराजयित्था ॥ २ ॥ तएणं से कोणिए राया महासिलाकंटकं संगाम उवट्ठियं जाणित्ता, कोडुंबिय वैक्रेय किया. इस का विशेष अधिकार निरयावलिका में है. महाशिला कंटक संग्राम अरिहंतने जाना हैं # अरिहंतने मुना है व विशेष प्रकार से जाना है. अहो भगवन् ! महाशिला कंटक संग्राम में किस का जय हुआ व किसका पराजय हुआ ? अहो गौतम : महाशिला संग्राम में कूणिक राजा का जय हुवा और 3 काशी व कोशल देशके नवमल्लकी नवलेच्छकी राजाओं का पराजय हुवा ॥ २ ॥ अब उन के युद्ध का , वर्णन करते हैं. जब · चमरेन्द्रने महाशिलाकण्टक नामक संग्राम की विकुर्वणा की तब कूणिक राजाने । > पंचमांग विवाह पण्णत्ति (भगक्ती ) सूत्र 8-28सातवा शतकका नववा उद्देशा 988
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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