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शब्दार्थ हुवा सं० खंड से भरा हुवा भ० भरा हुवा वा० बालाप को क्रोड ते. उन बा० बालाग्र को नो० नहीं
अ. अग्नि ड० जलावे नो० नहीं वा० वायु अ० लेजावे नो० नहीं कु० खण्ड होवे नो० नहीं प० विध्वंस Vहोवे नो० नहीं पू० पूतिभाव को हं० शीघ्र आ• आवे त• पीछे वा० वर्षशत ए० एक २ बा० बालाग्र
अ. लेकर के जा० जितने का काल में से वह प० पाला खी०क्षीण नी० रज रहित निःनिर्मल नि०१७ निष्ठित, अ० अपहृत वि० विशुद्ध भ० होवे से वह ५००
हव्यमागच्छेजा; लोग वाससए २ एगमा वालग्गं अनहाय जावइएणं कालेणं सेपल्ले खीणे नीरये निम्मले निट्ठिए, निलेवे, अवहडे, विसुद्धे भवइ, से तं पलिओवमे गाहा-एएसिणं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज दसगुणिया ॥ तं सागरोवमस्स,एक्कस्स । भवे परीमाणं ॥१॥ एएण सागरोवमपमाणेणं चत्तारिसागरोवमकोडाकोडीओ.
कालो सुसमसुसमा ॥ तिाण सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा, दो सागभावार्थ सो वर्ष में एक २ वालाग्र नीकालते जितने समय में वह पाला संपूर्ण खाली, रज रहित, निर्मल, निर्लेप १००
होजाता है उतने कालको एक पल्योपम कहते हैं. ऐसे दश क्रोडाक्रोड पल्योपम का एक सागरोपम:
होता है, ऐसे चार क्रोडाक्रोड सागरोपम का एक सुषमासुषम आरा होता है, तीन क्रोडाक्रोड सागरो1 पम का सुषम नामक दूसरा आरा होता है, सुषमदुषम नामक दो कोडाक्रोड सागरोपम का तीसर। आरा ।
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9- पंचमाङ्ग विवाह पण्णत्ति ( भगवती)
१ छठा शतकका सातवा उद्देशा१8०१४