________________
शब्दार्थ
अमोलक ऋषिजी
42 अनुवादक-बालब्रह्मचरािमुनि श्री
अ० अहोरात्रि प० पक्ष दो० दो ५० पक्ष मा० मास दो दो मास उ० ऋतु ति० तीन उ० ऋतु अ०१ अयन दो० अयन सं० सवत्सर पं० पांच स०संवत्सर जु• युग वी० वीसयुग वा०वर्षशत द दश वा० वर्ष शत वा० वर्ष सहस्र स० सो वा० वर्ष सहस्र का वा० वर्ष लक्ष च० चौरासी व० वर्षलक्ष ए. एक ५ पूर्वांगच चौरासी पु० पूर्वाग लक्ष ए०एक पु०पूर्व ए ऐसे तु तृटित अ०अडड अ अपप हू हूहूय उ उत्पल ५०पन
वाससयं, दसवाससयाई वाससहस्सं, सयं वाससहस्साणं वाससयसहस्सं, चउरासीइं वास सयसहस्साणि से एगे पुव्वंगे, चउरासीति पुब्बंग सय सहस्साई सेएग
पुवे; एवं तुडिए २, अडडे २, अपपे २, हूहुए २, उप्पले २, पउमे २, नलिणे२ वर्ष, चौरासी लक्ष वर्ष का एक पूर्वाग, चौरासी लक्ष पूर्वागका एक पूर्व, चौरामी लाख पूर्व का एक तृटितांग चौरासी लक्ष तृटितांग का एक तृटित, चौरासी लाख तृटितका एक अडडांग, चौरासी लक्ष अडडांगका एक अडड, चौरासी लक्ष अडडका अपपांग, चौरासी लक्ष अपपांग का एक अपप, चौरासी लक्ष अपप का एक हूहूनांग, चौरासी लक्ष द्हूतांग का एक हूहूत, चौरासी लक्ष दूहून का एक उत्पलांग, चौरासी लक्ष उत्पलांग का एक उत्पल, चौरासी लक्ष उत्पल का एक पद्मांग, चौरासी लक्ष पद्मांग का एक पद्म, चौरासी लक्ष पत्र का एक नलिणांग, चौरासी लक्ष नलिणांग का एक नलिण, चौरासी लक्ष नलिन का एक अ. च्छिनिउरांग, चौरासी लक्ष अच्छिनिउरांग का एक अच्छिनिउर, चौरासी लक्ष अच्छिनिउर का एक
*प्रकाशक-राजाबहादुर लाला मुखदेवसहायजी मालाप्रसादजी*