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शब्दार्थ १० भगवन् अ० असुरकुमार दे० देवका ति तिर्यक गति में वि० विषय है. हां अ० है के० कितना | भगवन् अ० असुरकुमार बोका ति तिर्यक् गति में वि० विषय मो० गौतम जा. यावत् अ..
असंख्यातं दी दीपं स० समुद्र नं नंदीश्वर द्वीप को ग गये ग. जावेंगे कि क्या ५० कारन से भे0:11 भगवन अ० अमुर कुमार दे देत्र नं० नंदीश्वर द्वीप को ग० गय ग. जविंगे जे० जो अ० अरिहंत भ..] भगवन्त का ज० जन्म महोत्सव नि दीक्षा महोत्सवणा० ज्ञान उत्पात महोत्सव प० निर्वाण महोत्सव में
देवाणं तिरियगति विसए पण्णत्ते ! हंता आत्थि। केवइयाणं भंते असुरकुमाराणं वेवाणं है तिरियगइविसए पण्णत्ते ? गोयमा ! जाव असंखेज्जा दीव समुद्दा नंदिस्सरवरं पुण. में
दीवं गयाय गमिरसंलिय । किं पत्तियणं भंते ! असुरकुमारा देवा नंदिस्सरवरं दीवं गयाय, गमिस्सतिय? गोधमा ! जे इमे अरहंता भगवंतो एएसिणं जमणमहेसुवा,
निक्खमण महेसुवा, गाणुप्पायमहिमासुवा,.. परिनिव्वाण महिमासुवा, एवंखलु असुर भावा असुर्रकुमार देव तिच्छे जाते हैं. अहो भगवन् ! असुरकुमार देव ताळे कहांतक जाते हैं ? अहो
गीतम! उन की जाने की शक्ति असंख्यात द्वीप समद्र तक की है परत आठवा. नंदीश्वर द्वीप तक 10गये हैं और जायेंगे. अहो भगवन् ! वे अमुर कुमार देव किस कारनमें नंदीश्वर द्वीप में गये और
जावेंगे बडो गौतम ! भारत भमवंत के जन्म पहोलाब, बीक्षा महोत्सव, झान का. उत्पन होने
* पंचांग विवाह पण्णति (भगवती) मूत्र
तीसरा शतक का दूसरा उद्देशा
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