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शब्दातु. तुष्ट थे० स्थविर भ० भगवन्त को 4 वंदनाकर प. नमस्कार कर ५० प्रश्न पु. पूछे अ० अर्थ14
उ० ग्रहण करे उ० स्थान से उ० उठकर ये० स्थविर भ० भगवन्त को ति०तीन वार जायावत् २० वंदना कर न. नमस्कार कर थे० स्थविर भ० भगवन्त की अं० पाप्त से पु. पुष्पक्ती चे उद्यान से प. नीकल जा. जिसदिशि से पार आये ता. उसदिशा में प. पीछे गये ॥ १६ ॥ ततक वे ये स्थविर भगवन्त अ० कोई वक्त तुं० तंगीना न० नगरी के पु० पुष्पवती चे उखान से प० नीकलकर
वागरणाई वागरिया समाणा हट्टतुट्ठा थेरे भगवंते वदति णमंसंति वंदइत्ता नमसइत्ता पसिणाई पुच्छति अट्ठाई उवाहियंति, उट्ठाए उट्टेति थेरे भगवते तिक्खुत्तो
जाव वंदति णमंसंति वंदित्ता नमसइत्ता थेराणं भगवंताणं अंतियांओ. पुप्फबईयाओ है वेश्याओ पडिनिक्खमंति पडिनिक्खमइत्ता जामेवदिसं पाउन्भया तामेवदिसं पडिगया
॥१६॥ तएणं ते थेरा भगवंतो अण्णयाकयाई तुंगियाओ नयरीओ. पुष्फवईयाओ भावार्थ भगान्त से पूछेहुचे प्रश्नोंका उत्तर सुनकर हृष्ट, तुष्ट हुवे और स्थविर भगवंत को अन्य भी प्रश्न पूछे, उन के |
अर्थ की धारणा की. फीर उठकर तिन वार आदान प्रदक्षिणा करके पुष्पवती उद्यान में से नकलकर जिसदिशा में से आये थे उसी दिशा में अपने २ स्थान पीछे गये. ॥ १६ ॥ स्थविर भग-1
चमाम विवाह पण्पत्ति ( ममवती ) मूत्र +8+
4दुनरा.तक का पांचवा देशा