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पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगक्ती ) सूत्र 488+
णत्थि अंतरं णिरेयाणं केवइयं? णत्थिअंतर दुपदेसियाण मंतेखधाणं देसेयाणं केकति कालं? णत्थि अंतरं सव्वेयाणं केवइ? णत्थि अंतरं णिरेयाणं केवइ? णत्थि अंतरं ॥ एवं जाव अणंत पदेसियाणं॥४४॥ एएसिणं भंते ! परमाणु पोग्गलाणं सव्वेयाणं णिरेयाणय कयरे कयरे जाव विसेसा हियावा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा परमाणु पोग्गला सव्वेया, णिरेया असंखेज गुणा॥एएसिणं भंते! दुपदसियाणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं णिरेयाणय कयरे कयरे जाव विसेसाहियावा? गोयमा ! सव्वत्थावा दुपदेसिया खंधा सव्वेया, देसेया असंखेजगुणा, णिरेया असंखेनगुणा एवं जाव असखजपएसियाणं खंधाणं॥एएसिणं भंते! अणंतपदेसि
याणं खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं णिरेयाणय कयरे कयरे जाव विसेसाहियावा ? गोयमा ! रहता है. वैसे ही स्थिरका भी अंतर नहीं है. अहो भगवन् ! द्विपदोशिक को देशकंपकी कितना अंतर ! अहो गैतम! उस का अंतर नहीं है वैसेही सर्वकम्म व कम्मका जानना. ऐसहीअनंत प्रदेशिक स्कंध पर्यंत कहना॥४४॥ अहो भगवन् ! परमाणु पुदगल के सकम्प व अकम्प में कौन किस से अल्प बहुत यावत् विशेषाधिक है ? अहो गौतम ! सब स थोडे परमाणु पुद्गल सर्व कम्प इस से अकम्प असंख्यातगुने. अहो भगवन् !
इन द्विप्रदेशिक स्कंध के देश कम्पन,सर्व कम्पन व अकम्पन में कौन किस से अल्प बहुत यावत् विशेषाधिक 60 ok हैं? अहो गौतम! सब से थोडे द्विपदेश स्कंध सर्व कम्पनवाले, इस से देश कम्पनवाले असंख्यातगुने..
इस से अकम्प असंख्यातगुने. ऐसे ही असंख्यात प्रदेशिक स्कंध पर्यंत कहना. अहो भगवन ! इन ।
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.48 पञ्चीसवा शतक का चौथा उद्देशा 4.8
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