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________________ aaaaaaaaamanAL सम्वत्योवाअणंतपदेसिया खंधा सबेया, णिरेया अगंतगुणा, देसेया अणंतगुण॥ ४५ ॥ एएसिणं भंते ! परमाणु पोग्गलाणं संखजपएसियाणं असंखेजपएसियाणं अणंतपए सियाणय खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं णिरयाणं दव्वट्ठयाए पदेमट्टयाए दवट्रपएसट्याए कयरे क्रयरे जाव विसेसाहियावा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतषदेसिया खंधा सम्वेया दवट्टयाए अणंत पदसिया खंधाणिरेयादवट्टयाए अणंतगुणा, अगंतपदेसिया खंधा देसेया दवट्टयाए अणंतगुणा, असंखेजपदसिया खंधा सव्वेया दवट्टयाए अणंतगुणा, संखे.. जपदेसिया खंधा सम्वेया दवट्ठयाए असंखेजगुणा ; परमाणुपोग्गला सव्वेया दबट्टयाए अनंत प्रदेशिक स्कंध में देश कम्पन सर्व कम्पन व अकम्पन में कौन किस से अल्प बहुन यावत् विशेषा. भावार्थघिक हैं ? अहो गौतम ! सब से थोडे अनंत प्रदेशिक स्कंध सर्व कम्पन. इस से अकमान अनंतगुने इस से देश कम्पन अनंतगुने ॥ ४५ ॥ अहो भगवन् ! इन परमाण पुद्गल, संख्यात प्रदेशिक स्कंध, असंख्यात मदेशिक स्कंध, व अनंत प्रदेशिक स्कंध देश कम्पवाले, म कम्पवाले व स्थिर द्रव्य आश्री कौन २ यावत् विशेषाधिक है ? अहो गौतम : सब से थोडे द्रव्य आश्री अनंत प्रदेशिक स्कंध सब कम्पनवाले, इस से अनंत प्रदेशिक स्कंध द्रव्य आश्री स्थिर अरंतगुने, इस से अनंत प्रदेशिक स्कंध द्रव्य आश्री देश कम्पनवाले अनंतगुने, इस से असंख्यात प्रदेशिक स्कंध द्रव्य आश्री सब कम्पनवाले अनंतगुने, १ अनुवादक-बालब्रह्मचारीमुनि श्री अमोलक ऋषिजी + aaaaaaaaaaaa प्रकाशक-राजाबहादुर लाला मुखदवसहायनी ज्वालाप्रसादनी
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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