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देवा जे अणते कम्मसे जहण्णेणं एक्केणवा दोहिंवा तिहिंवा जाव पंचहिं वाससएहिं खवयंति, कयरेणं भंते ! देवा जाव पंचहिंबाससहस्सेहिं खवयंति; कयरेणं भंते ! देवा जाव पंचहि वाससयसहस्सेहिं खवयंति ? गोयमा ! वाणमंतरा अणते कम्मंसे एगेण वाससएणं खवयंति, असुरिंदवजियाणं भवणवासी देवा अणते कम्मंसे दोहिं वास सएहिं खवयंति, असुरकुमारा देवा अणते कम्मंसे तिहिं वाससएहिं खवयंति, गहगण णखत्ततारारूवा जोइसिया देवा अणते कम्मंसे चउवास जाव खवयंति, चंदिमसूरिया जोइसिंदा जोइसरायाणो अणते कम्मंसे पंचहिं वाससएहिं खवयंति, सोहम्मी
साणगा देवा अणंत कम्मंसे एगेणं वाससहस्सेणं जाव खवयंति, सणंकुमार माहिंदगा हां गौतम ! वैसे हैं. ॥ २३ ॥ अहो भगवन् ! कौन देव अनंत पापकर्माश जघन्य एक दो तीन उत्कृष्ट पांचसो वर्ष में खपाचे यावत् उत्कृष्ट पाँच लाख वर्ष में खपावे ? अहो गौतम ? वाणध्यंतर देव अनंत पाप कर्मीश एकसौ वर्ष में खपावे, असुरेन्द्र छोडकर अन्य भवनवासी देवों दोसो वर्ष में खपावे, अमुरकुमार देव
अनंत कर्मीश तीन सो वर्ष में खपावे, ग्रहगण नक्षत्र व तारारूप ज्योतिषी देव अनंत पापकर्माश चारसो वर्ष में 1- खपावे, ज्योतिषी के राजा ज्योतिषी के इन्द्र अनंत पापकर्माश पांच सो वर्ष में खपावे, सौधर्म देवलोक
अनुकदक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
* प्रकाशक राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी*
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