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शब्दार्थ
पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र -%%82
द्रह उ० पानी द. द्रव्य व वलय णू० गुप्तस्थान म० गहन वि० विपम प० पर्वत प० पर्वत वि. विषम स्थान व वन व वनविषम स्थान मि. मृगवृत्ति वाला मिः मृगकल्प वाला मि० मृगकेवध का अध्यवसायी मि• मृग व० वधकरने को गं० गया हुवा जि० ग त्ति ऐसा का० करके अ० अन्य कोई मि. मग २० मारने को कू० कूटपाश उ० बनावे तर भ० भान से० र पुरुष को क. कितनी कि०० क्रिया गो० गौतम सि. कदाचित् ति ती क्रिया पार किया पं० पांचक्रिया से० वह के० कैसे भं०
वा दहंसिवा, उदगंसिवा, दपियंतिवा, बललिवा, नसिवा, गहणंसिवा, गहण विदुग्गंसिवा, पव्वयंसिवा, पव्यय विदुग्गंसिवा, वणसिवा, वणविदुग्गसिवा, मियवित्तीए मियसंकप्पे, मियपणिहाणे, मियवहाए गंताए एमिएत्ति काओ, अण्णयरस्समियवहाए,
कूडपासं उडाइ । तओणं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, नारकी, तिर्यंच व मनुष्य का आयुष्य बांये नहीं परंतु देवता का आयुष्य बांधकर देवता में उत्पन्न होवे ॥ ३ ॥ आयुष्य बंध के कारन भूत क्रियाओं हैं इसलिये क्रिया के संबंध में प्रश्न पूछते हैं. अहो भगवन् ? कच्छ, द्रह, उदक, द्रव्य, वलय, नूम, गहन, गहनविर्ग, पर्वत, पर्वत विदुर्ग, वन व वनविदुर्ग में
मृग की वृत्तिवाला, मृग के वध का अध्यवसा-ग्वाला, मृग को मारने के लिये एकाग्र चित्त करनेवाला १ १नदी का पानी व वृक्षादि से घेराया हुवा भूमिभाग २ तडागादि में कुंड ३ अल्पजल..४ तृणा *मुदाय ५ वर्तुलाकार नदी के जल की कुटिलगति वाला प्रदेश ६ गुफाआदिगुप्त स्थान.
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<<P> पहिला शतक का आठवा उद्देशा -380
भावार्थ
.. Toyo?
पापा नाना पटसातिपरापानी नानन