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________________ - - शब्दार्थ ता. उस दे देवलोक से आ० आयुष्यक्षय से जा. यावत् क कहां उ• उत्पन्न होगा मो• गौतम १० यहां जं• जम्बूद्वीप में भा० भरतक्षेत्र में वि० विध्यगिरि पा० पादमूल में पुं० पुंड ज. देश में स० शत-14 द्वार ण नगर में मु० सुमति र० राजा की भ० भद्रा भ० भार्ग की कु० कुक्षि में पु. पुत्रपने ५० उत्पन्न हुवा से• वह त० वहां ण० नवमास व० बहुत ५० पतिपूर्ण जा. यावत् वी. व्यतीत होते जा यावत् सु० सुरूप दा० पुत्र प. उत्पन्न हुवा ।।१६२॥ ज० जिस र० रात्रि में से वह दा. पुत्र प० उत्पन होगा तं० उस र० रात्रि में स० शतद्वार ण नगर में स० आभ्यंतर बा० वाहिर भा० भारप्रमाण कुं० देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव कहिं उववजिहिति ? गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे २ भारहेवास विंझगिरिपायमूले पुंडेसु जणवएसु सतदुवारे णयरे सुमइस्सरण्णो भद्दाए भारियाए कुच्छिस पुत्तत्ताए पञ्चायाहिति, सेणं तत्थ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव वीइकंताणं जाव सुरूवे दारए पच्चयाहिति ॥१६२॥ जं रयणिं चणं से दारए पयाहिति तं रयणिचणं सयदुवारे णयरे सभितरबाहिरए भारग्गसोय भावार्थ से यावत् कहां उत्पन्न होगा ? अहो गौतम ! इस जंबूद्वीप के भरत क्षेत्र में विध्यांगरी के पादमूल (तलेटो) में पुंड्र देश में शनद्वार नगर में मुमति राजा की भद्रा की कुक्षि में पुत्रपने उत्तम होगा. वहां + सबानब मास व्यतीत हुए पीछे मुरूप बालक का जन्म होगा ॥ १६.२ ॥ जिस रात्रि में पुत्र का जन्म होगा । पंचांग विवाह पण्णत्ति (भगवती)सुत्र - - Doordinaccussiacocca. 2 पबरहवा शतक 48-488
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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