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शब्दार्थ १ लेकर ण नहीं पा पानी पि० पीवे ए. यह था० स्थालपानक किं. क्या त. त्वचा पानक जे० जो
अ० आम्र अं० अंबाडा ज° जैसे प० प्रयोगपद में जा० यावत् बो० बोर ति तिंदुक त० छोटी आ० कच्ची आ. थोडापीडे १० विशेष पीडे न० नहीं पा० पानी पि. पीता है से वह तत्वचा पानक से अथ कि क्या सं० शंबली पानक क. चने की फली मु. मुंग, फली मा. उडीद की फली त. नविन आ. कच्ची आ० मुख में आ. थोडा डाले ५० विशेष डाले ण. नहीं पा० पानी पि० पावे से वह सिं.
अंबाडगंवाजहा पओगपदे जाव वोरूंवा तिंदुयंवा तरुणगं आमगंवा आसिगास आविसलेइ
वा, पवालेतिवा णयपाणियं पिबइ, सेतं तयापाणए से किं तं संवलिपाणए ? संवलि है पाणए जेणं कलसंगलियंवा, मुग्गसंगलियंवा, माससंगलियंवा, सिंवलिसंगलियंवा,
तरुणियं आमियं आसिगंसि आवीसलेइवा, पवालेइवा, ण य पाणियं पिवइ, सेतं सिं
वलिपाणए ॥ से किं तं सुद्धापाणए ? सुद्धापाणए जेणं छम्मासं सुद्धखाइमं खाइ भावाथा
पानी कहा जाता है. त्वचा पानी किसे कहते हैं ? आम्र, अम्बड वगैरह जैसे पन्नवणा के सोलहवे पद में कहा वैसे यावत् बोरका, टिंबरुका पानी तुर्त का नीकला कच्चा मुख में रखे, थोडा स्पर्श करे विशेष
स्पर्श करे परंतु पीवे नहीं यह त्वचा पानी हवा. फली का पानी किसे कहते हैं ? जो चने 15मुंग की फली, उडद की फली, व सेवले की फली इन फलियों के पानी को तरुणपना में, अभिनवपना में
8+ पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र
2323127 पनरहना शतक
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