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शब्दार्थ
पंचमाङ्ग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र -
उपजता किं० क्या स• सइन्द्रियपने व० उपजता है अ० अनिन्द्रियपने व० उपजता है गो० गौतम सि.और कदाचित् स० सइन्द्रियपने 40 उपजता है सि. कदाचिन अ अनिद्रियपने उपजता है से वह के० कैसे गो. गौतम द० द्रव्येन्द्रिय प. प्रत्यय अ. अनिन्द्रिय व उपजे भा० भाव इन्द्रिय ५० प्रत्यय स० सइ। न्द्रिय व उपजे से० वह ते० इसलिये ॥ १० ॥ जी० जीव भं० भगवन् ग० गर्भ में व० उपजता किंools
अणिदिए वक्कमइ ? गोयमा ! सिय सइंदिए वक्कमइ, सिय अणिदिए वक्कमइ । से . केणटेणं ? गोयमा ! दबिंदियाइं पडुच्च अणिदिए वक्कमइ, भाविंदियाइं पडुच्च सइंदिए
वक्कमइ से तेणटेणं ॥ १० ॥ जीवेणं भंते ! गभं वक्कममाणे किं सरीरी बक्कमइ, स्थान का प्रश्न पूछते हैं अहो भगान!गर्भ में उत्पन्न होता हुवा जीव क्या इन्द्रिय सहित उत्पन्न होता है अथवा इन्द्रिय रहित उत्पन्न होता है ?अहो गौतम ! क्वचित् इन्द्रिय सहित उत्पन्न होता है और क्वचित् इन्द्रिय
रहित भी उत्पन्न होता है. अहो भगवन् ! किस कारन से जीव क्यचित् सइन्द्रियपने उत्पन्न होता। इक्वचित् आनेन्द्रियपने होता है ? अहो गौतम ! द्रव्य इन्द्रिय आश्रित अनिन्द्रिय उत्पन्न होता है क्यों कि निवृत्स्युपकरण रूप, स्पर्शन, रस, घाण, चक्षुः व श्रोतेन्द्रिय पर्याप्त हुवे पीछे होती है और भावेन्द्रिय आश्रित सइन्द्रिय होता है क्यों की ज्ञानरूप इन्द्रिय जीव को सदा काल रहती हैं. इसलिये अहो गौतम ! वाचत् इन्द्रिय सहित उत्पन्न होता है और क्वचित् इन्द्रिय रहित उत्पन्न होता है. ॥ १० ॥ इन्द्रिय
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पहिला शतक का सातवा उद्दशा-4.28