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________________ शब्दार्थ 4 मार्या ण• नव मा० माप का बहुत ५० प्रतिपूर्ण अ. अर्ध अ० आठ रा० रात्रिदिवस बी० व्यतीत होते सु० सुकुमार जा. यावत् ५० प्रतिरूप दा० पुत्र का ५० जनपदीया त० तब त• उस दा• पुत्र के .3001 माता पिता ए. अग्यारवा दि० दिवम वी० व्यतीत होने जा. यात बा. बावं दि० दिवस इसरूप गो० गौण गु० गुणनिष्पन्न णा० नाम क• कर अ० हमारा इ० यह दा• पुत्र गो० गोबहुल मा० माहण की गो गौशाला में जा० उत्पन्न हुवा तं० इमलिये हो० होओ अ० हमारा इ० इस दा० पुत्र का कणा. नाम गो० गोशाला त. तब त° उस दा० पुत्र के अ० माता पिता णा० नाम क.. भारिया णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणराइंदियाणं वीइक्कंताणं सुकुमाल जाव पडिरूवं दारगं पयाता तएणं तस्स दारगस्स अम्माषियरो एक्कारसमे दिवसे वीइक्कते जाव बारमाहे दिवसे अयमेयारूवं गोणं गुणणिप्पणं णामधेजं करोति जम्हाणं अम्हं इमे दारए गोबहुलस्स माहणस्स गोसालए जाते, तं होऊणं अम्हं इमस्स दारगस्स णामधेजं ' गोसाले' गोसालत्ति तएणं तस्स दारगस्स अम्मा. भावार्थ भार्या को सवा नव मास पूर्ण होते सुकुमार यावत् प्रतिरूप पुत्र का जन्नहा. अग्यारहवा दिन व्यतीत हुए । पीय बारहवे दिन उस पुत्र का गुणनिष्पन गोशाला नाम रखा. क्यों की गोशाला का जन्म गोबहुल ब्राह्मण * पंचगंग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) मूत्र .484881 पनरहवा शतक 48488
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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