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१ अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
गहिः उ० ईशान कौन में मि० मृगवन उ० उद्यान हो था स० सर्व उ० ऋतु व. वर्णन युक्त ए. इस वी. वीतिभय न. नगर में उ. उदायन रा० राजा हो० था म. बहुत ब० वर्णन युक्त त. उस उ० उदायन २० राजा को प० पद्मावती दे० देवी हो० थी सु. मुकुमार व० वर्णन युक्त ना० यावत् वि० विचरती है त. उस उ० उदायन र राजा का पु० पुत्र प० प्रभावती दे० देवी का अ० आरून अ. अभीचि कुमार हो० था सु सकुमार ज जैसे सि० श भद्र कुमार जा. यवत् सि. शिवभद्र जा. यावत् प० अनुभवता वि विचरता है त उस उ० उदायन रा० राजा को णि• अपना भा० भाणजा
उज्जाणे होत्था, सव्वोउयवण्णआ ॥ एत्थणं वीतिभए णयरे उदायणे णामं राया होत्था महया बण्णआ। तस्सणं उदायणस्स रण्णो पउमावई णामं देवी होत्या, सकमाल यण्णओ तस्सणं उदायणस्स रणो पभावती नानं देवी होत्था वण्णओ जाव विहरति ॥ तरसणं उदायणरस रणो पुत्ते पभावतीए देवीए अत्तए अभीइणाम कुमारे होत्था सुकुमाल जहा सिबभद्दे जाव पच्चुवेक्खमाण विहरइ ॥
तस्सणं उदायणस्स रणो णियए भायणिजे केसीगाम कुमारे होत्था, सुकुईशान कौन में मृगवन नामक उद्यान था. वह सा ऋतु में वर्णः योग्य था. उस वोतिभय नामक नगर में बढा उदायन राजा रहता था, वह उदायन राजा महा हिरवंत पर्वत जैसा वर्णन योग्य था. उस उदायन राजा को पद्मावतीरानी थी. वह सुकुमार यावत वर्णन योग्य थी. उस उदायन राजा को प्रभावती नाम की
* प्रकाशक राजाबहादुर लाला सुखदवसहायजी ज्वालाप्रसाद जी *
भावार्थ