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maramanand
खंधा एगयओ अणंतपदेसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ असंखेजा असंखेजपएसिया खंधा, एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ,अहवा एगयओ असंखेजा अपंतपएसिया खंधा भवंति। अणंतहा कज्जमाणे अणंता परमाणुपोग्गला भवंति(५७५)॥१३॥ एएसिणं भंते! परमाणुपोग्गलाणं साहणणाभेदाणुवाएणं अणंताणं पोग्गलपरियाणं अणंताणता पोग्गल परियटा समणुगंतव्वा भवंतीति मक्खाया? हंता गोयमा! एएसिणं परमाणुपोग्गलाणं साहणणाभेदाणु जाव मक्खाया ॥ १२ ॥ कइविहेणं भंते! पोग्गलपरिय? पण्णत्ते ?
गोयमा ! सत्तविहे पोग्गलपरिय? पण्णत्ते, तंजहा ओरालिय पोग्गलपरियट्टे, वेउव्विय भावार्थ
ख्यात. असंख्यात असंख्यात प्रदेशात्मक स्कंध एक अनंत प्रदेशात्मक स्कंध अथवा असंख्यात अनंत प्रदेशात्मक कंध. अनंत विभाग करने से अनंत परमाणु पुद्गल होते हैं ॥ ११ ॥ अहो भगवन् ! क्या भगवन्तने ऐसा कहा है कि परमाणु पुद्गलों के संहनन (एकत्रित मीलना) व भेद (पृथक होना) के योग से अनंत
को अनंत गुने करे इतने पुद्गल परावर्त जानना? हां गौतप! परमाणु पुद्गलों के संहनन व २० भेद के योग से अनंतगुने करे इतने पुद्गल परावर्त होते हैं ॥ १२ ॥ अहो भगवन ! पुद्गल परावर्त कितने
कहे हैं ? अहो गौतम ! सात पुद्गल परावर्त कहे हैं उदारिक पुद्गल परावर्त, चक्रेय पुद्गल परावन, तेजस्
पंचमांग विवाह पण्णत्ति (भगवती) मूत्र 408
880% वारहवा शतक का चौथा उद्देशा
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